Covid Symptoms:  कोरोना वायरस की जब शुरुआत हुई थी तब से लेकर आज तक उसके सिम्पटम्स में काफी अंतर आ चुका है. समय के साथ इसका असर भी कम पड़ता गया और अब इसके लक्षण भी बदलने लगे हैं. लोगों ने इसे समय के साथ अपनाना शुरू कर दिया है. कोरोना की पहली लहर के मुकाबले दूसरी लहर ने भारत में अधिक तबाही मचाई जिसमें लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई. लेकिन ओमिक्रॉन के साथ, बीमारियों ने एक हल्का मोड़ ले लिया. हालांकि इस पर कोरोना वैक्सीन इनका भी काफी असर रहा.  हाल ही में स्टडी की गई जिसमें यह पता लगाने की कोशिश की गई कि आखिर कोरोना के किन लक्षणों में बदलाव आया है.

 

टेस्ट जाना और स्मेल न आना अब नहीं कोरोना के लक्षण

इस साल की शुरुआत में, यूनाइटेड किंगडम में 17,500 रोगियों पर रिसर्च की गई थी जिसमें पाया गया कि स्वाद और गंध न आना अब COVID के प्रमुख लक्षण नहीं रहे. इसके अलावा, अल्फा और डेल्टा वेरिएंट की तुलना में कम लोगों ने ओमीक्रोन वेरिएंट के साथ तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ और स्वाद के नुकसान की जानकारी दी. जबकि महामारी के शुरुआती दिनों में स्मेल न आने का सिम्प्टम मुख्य लक्षणों में से एक हैं. 

 

वर्तमान में क्या है कोविड के लक्षण ?

ज़ो ( Zoe ) हेल्थ स्टडी के अनुसार, गले में खराश, नाक बहना, नाक बंद होना, लगातार खांसी और सिरदर्द वर्तमान में COVID के प्रमुख लक्षण हैं. स्टडी में ये भी  पाया गया कि COVID-19 के नए  लक्षण पुराने लक्षण जैसे लगातार खांसी, गंध की कमी, बुखार और सांस की तकलीफ से बिलकुल अलग है.

 

क्या थी स्टडी ?

इसमें प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिन्होंने 1 जून से 27 नवंबर, 2021 (जब डेल्टा वैरिएंट चरम पर था) और 20 दिसंबर, 2021 से 17 जनवरी, 2022 के बीच (जब ओमीक्रॉन वैरिएंट चरम पर था) पॉजिटीव पाए गए थे. कुल मिलाकर, उन्होंने 62,002 पॉजिटीव सैंपल्स इकट्ठे किए गए थे जिससे सिम्पटम्स की स्टडी की गई. इसके अलावा, स्टडी से यह भी पता चला है कि ओमीक्रॉन के लोअर रिस्पॉयरेटरी ट्रेक्ट को प्रभावित करने की संभावना बहुत कम है, जहां वायरस अधिक नुकसान पहुंचाता है.

 

अपर रिस्पॉयरेटरी इंफेक्शन और लोअर रिस्पॉयेरटरी इंफेक्शन

वैज्ञानिकों को अभी तक इस बात का जवाब नहीं मिला है कि COVID के मरीज़ो के अनुभव किए जाने वाले लक्षणों में बदलाव क्यों आया है. कई लोगों ने अलग अलग वैरिएंट्स को इसका कारण बताया है .डेल्टा वैरिएंट की तुलना में, जो निचले रिस्पॉयरेटरी ट्रेक्ट  पर हमला करता है वहीं ओमीक्रॉन अपर रिस्पॉयरेटरी ट्रेक्ट पर पनपता है. यही कारण है कि डेल्टा से संक्रमित लोगों में निमोनिया जैसे अधिक गंभीर लक्षण थे, जबकि ओमिक्रॉन रोगियों में अक्सर सामान्य सर्दी के समान लक्षण होते हैं.

 

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