Corona Virus: वायरस ने देश में जमकर कहर बरपाया. डेल्टा, ओमीक्रॉन वेरिएंट ने हर घर में दस्तक दे दी. डेल्टा वेरिएंट तो इस कदर घातक रहा कि हजारों लोगों की मौत इस वायरस की चपेट में आकर हो गई. भारत सरकार के वैक्सीनेशन के बाद कोविड अब उतना असरदार बेशक न रहा हो, लेकिन इसके बॉडी पर निगेटिव इफेक्टिव अभी भी देखने को मिल रहे हैं. अब सामने आया कि कोविड ने लोगों के दिल का हाल तक बिगाड़ दिया है. कई मरीजों में खून के थक्के बनने की समस्या तक देखी गई. इससे हार्ट अटैक का खतरा तक बढ़ गया.  


मरने की संभावना 10 % अधिक
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित शोध में पाया गया कि हल्के कोविड लक्षण वाले रोगी रहे, इन्हें अस्पताल में भर्ती होने और नहीं होने वालों के रूप में बांटा गया. भर्ती न होने वालों की अपेक्षा भर्ती होेने वाले मरीजों में रक्त के थक्के बनने की संभावना 2.7 गुना अधिक थी. भर्ती होने वालों का डेथ रेट भी 10 प्रतिशत अधिक रहा. 


30 दिन बाद सबसे ज्यादा रहा हार्ट डिसीज का खतरा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, लंदन की क्वीन मैरी यूनिवर्सिटी की ओेर से स्टडी कराई गई. इस अध्ययन में 20505 प्रतिभागियों का डाटा जुटाया गया. ये सभी कोविड की चपेट में आए. इनमें से अस्पताल में भर्ती होने और नहीं भर्ती होने वाले रहे. अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम और गंभीर दोनों मामलों में संक्रमण के 30 दिन बाद हृदय रोग का खतरा सबसे अधिक रहा. कोविड के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों के हार्ट फेल होने की दर 21 गुना अधिक और स्ट्रोक आने का खतरा 17 गुना अधिक था. 


इस वजह से बढ़ रहे हार्ट पेशेंट
कोविड पेंडेमिक में पिछले दो वर्षाें के दौरान लोग घरों में कैद होकर रह गए. उन्होंने घर में रहकर शराब, तंबाकू और अन्य नशे के पदार्थाें का सेवन करना शुरू कर दिया. लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगा. इसका सीधा असर हार्ट पर पड़ा. डॉक्टरों का कहना है कि कोविड से बॉडी में सूजन आ सकती है, साथ ही हार्ट डिसीज होने का खतरा हो सकता है. जिन रोगियों में ऑक्सीजन की अधिक कमी रही. उनके शरीर में सूजन और ब्लड के थक्के बनने की समस्या अधिक देखने को मिली है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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