जब से कोरोना का प्रकोप आया है तभी से दुनिया के हर वैज्ञानिक इसको लेकर नई स्टडी कर रहे हैं. अब तक एक से बढ़कर एक स्टडी हो चुकी है और हर बार कुछ ना कुछ चौंकाने वाले ही रिजल्ट मिले हैं.वहीं इसी कड़ी में अमेरिका में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है.शोधकर्ताओं ने COVID-19 से संक्रमित लोगों के रक्त प्लाज्मा में विशिष्ट प्रोटीन की पहचान की है जो ये अनुमान लगाने में मदद कर सकता है कि किन रोगियों को सांस लेने के लिए वेंटिलेटर पर रखने की आवश्यकता हो सकती है और किसे वायरस से मरने की सबसे अधिक संभावना है.शोधकर्ताओं ने 332 कोविड-19 रोगियों के रक्त प्लाज्मा के नमूनों का अध्ययन किया जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है.
प्रोटीन से पता चलेगा बीमारी की गंभीरता का पता
अध्ययन के प्रमुख इंवेस्टिगेटर कार्लोस क्रुचागा ने कहा की हानिकारक प्रोटीन की पहचान करना मददगार हो सकता है क्योंकि हम न केवल वायरस के वैरिएंट का सामना करते हैं जो COVID-19 का कारण बनते हैं, बल्कि भविष्य में नए वायरस भी सामने आ सकते हैं, और इससे लड़ने में हमें मदद मिल सकती है.क्रुचागा ने आगे कहा कि हम एक COVID संक्रमण वाले व्यक्ति से रक्त लेने में सक्षम हो सकते हैं, इन प्रमुख प्रोटीनों के स्तर की जांच कर सकते हैं और गंभीर परिणामों के लिए जोखिम का शीघ्र पता लगा सकते हैं. फिर हम उस जानकारी का इस्तेमाल करके वक्त पर सही इलाज करने का तरीका भी ढूंढ सकते हैं.
आपको बता दें कि शोधकर्ताओं की टीम ने अमेरिका के सेंट लुइस में बार्न्स-जेविश अस्पताल में भर्ती COVID-19 रोगियों के प्लाज्मा नमूनों का अध्ययन किया और उनकी तुलना उन 150 लोगों के प्लाज्मा नमूनों से की जो SARS-CoV-2 से संक्रमित नहीं थे.क्यों कि ये सैंपल तब मिले थे जब रोगियों को अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था.
इस तकनीक से प्रोटीन की पहचान की गई
जनरल साइंस में प्रकाशित इस स्टडी में प्रोटीन के ओवरएक्सप्रेशन और अंडर एक्प्रेशन की पहचान करने के लिए लिए हाई थ्रूपट प्रोटिओमिक्स नामक एक तकनीन का इस्तेमाल किया गया है.इसे डिसरेग्यूलेशन के रूप में जाना जाता है.वैज्ञानिकों ने ये पता लगाने के लिए अलग से टेस्टिंग की कि कौन से प्रोटीन वास्तव में गंभीर बीमारी का कारण बनते हैं.हालांकि स्टडी में बड़ी संख्या में ऐसे प्रोटीनों की पहचान की गई जो रोगियों में मिले जिसके बाद ये निर्धारित किया गया कि इन 32 प्रोटीनों के होने से मरीज की स्थिति कोविड संक्रमण के दौरान ज्यादा खराब हो जाती है, इसके बाद अन्य 5 प्रोटीनों की भी पहचान की गई जो रोगी के लिए मृत्यु की संभावना का इशारा देते हैं.
कोरोनरी धमनी रोग और अल्जाइमर का भी खतरा
शोधकर्ता ने आगे कहा कि शोध से यह भी पता चला है कि कुछ प्रोटीन जो COVID-19 संक्रमण के दौरान खराब हो गए थे, कोरोनरी धमनी रोग और अल्जाइमर रोग के रास्ते से जुड़े थे, ये पुष्टि करते हुए कि COVID-19 इन विकारों के जोखिम को बढ़ा सकता है.