Corona Treatment: कोविड ने देश ही नहीं दुनिया में कहर बरपाया. अभी भी कोरोना वायरस परेशान कर रहा है. कोविड वायरस के म्यूटेट हुए वेरिएंट डेल्टा और ओमीक्रॉन बेहद घातक रहे. डेल्टा ने भारत में हजारों लोगों की जान ले ली. ये वायरस अभी भी हवा में तैर रहा है. इसके पोस्ट कोविड इफेक्ट भी सामने आ रहे हैं. अब सामने आया है कि इस वायरस ने लोगों के ब्रेन में माइनर बदलाव कर दिए हैं. इससे लोग कई बीमारियों के शिकार तक हो रहे हैं. डॉक्टरों का कहना है कि कोविड वायरस से बचाव के लिए इसके प्रोटोकॉल का पालन करना जरूरी है.
ब्रेन में देखे गए माइक्रो बदलाव
नए स्टडी में सामने आया है कि लंबे समय में कोविड ब्रेन में कई चेजेंज ला सकता है. रेडियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ़ नॉर्थ अमेरिका (आरएसएनए) के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के लंबे समय तक होने वाले प्रभावों को मापने के लिए विशेष एमआरआई मशीनों का उपयोग किया. इसके बाद जो नतीजे हुए. वो चौंकाने वाले रहे. शोधकर्ताओं ने बताया कि इस तरह की इमेजिंग मशीन का इस्तेमाल कई न्यूरोलॉजिक स्थितियों जैसे कि माइक्रोब्लीड्स, ब्रेन ट्यूमर और स्ट्रोक का पता लगाने के लिए भी किया जाता है.
डिप्रेशन, एंग्जाइटी के शिकार हुए मरीज
स्टडी के लिए शोधकर्ताओं ने 46 पेशेंट ऐसे लिए, जोकि कोरोना से ठीक हो चुके थे. जबकि 30 स्वस्थ्य लोगों को शामिल किया. जब लोगों के ब्रेन की स्कैनिंग की गई तो कुछ परेशानियां देखने को मिली. इनमें एंग्जाइटी, नींद न आना, डिप्रेशन, सिरदर्द और मेंटल अबनार्मलटी देखने को मिली. लोग कोविड से ठीक होने के बाद इस तरह की परेशानी महसूस कर रहे थे.
इस तरह भी हुए परेशान
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं स्टडी के अनुसार, 65 वर्ष से कम आयु के उन लोगों की स्थिति देखी गई, जोकि कोविड की चपेट में आकर बच गए थे. ऐसे लोगों में कोविड एक लक्षण लंबे समय तक रहा. 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों में 4 में से एक बुजुर्ग ऐसे ही लक्षण से परेशान थे. उनमें किडनी फेलियर और तंत्रिका संबंधी परेशानियां भी देखने को मिलीं. वहीं कोविड के कुछ सामान्य लक्षण भी देखने को मिले. इनमें थकान, सिर दर्द, नंींद की समस्या, खड़े होने पर चक्कर आना, सूंघने या स्वाद की कमी महसूस होना, डिप्रेशन, एंग्जाइटी होना, सीने में दर्द, मासिक धर्म में बदलाव शामिल रहे.