Covid Symptoms: देश में एक बार फिर से कोरोना की टेंशन बढ़ने लगी है. पिछले 10 दिनों में कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी देखने को मिल रही हैं. एक दिन में 2000 तक मामले सामने आने लगे हैं. ओमिक्रॉन एक्सबीबी.1.16 सब-वैरिएंट देश में कोरोना के प्रसार का बढ़ा कारण माना जा रहा है. कई स्टडी में सामने आ चुका है कि कोरोना का यह नया वैरिएंट बहुत अधिक संक्रामक है यानि इसकी एक से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता अन्य वायरस के मुकाबले बेहद तेज है. यह उन लोगोें को भी संक्रमित कर रहा है, जो वैक्सीन  लगवा चुके हैं. 


जिनको वैक्सीन लगी, उन्हें कम खतरा


वैज्ञानिक लगातार कोरोना के नए वैरिएंट पर शोध कर रहे हैं. देख रहे हैं कि यह वायरस कितना अधिक घातक हो सकता है. स्टडी मेें सामने आया है कि जिन लोगों को वैक्सीन लग चुकी है. उन्हें कोरोना वायरस इन्फेक्टिड तो कर रहा है, मगर खतरा बहुत कम है. गंभीर लक्षण कम हैं. वहीं, विशेषज्ञ इससे भी इंकार नहीं कर रहे हैं. कोरोना का म्यूटेशन वैक्सीनेशन वालों के लिए खतरा बन सकता है. वहीं, जिन लोगों को वैक्सीन नहीं लगी हैं. उन्हें इस वायरस का खतरा बहुत अधिक है. तो ऐसे में वैक्सीनेशन की चौथी डोज को लेकर चर्चा शुरू हो गई हैं. 


कई देशों में लगाई जा रही चौथी डोज


हाल में यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए फाइजर के ओमिक्रॉन बूस्टर शॉट को मंजूरी दे दी है. जिन बच्चों को वैक्सीन की 3 डोज लग चुकी हैं. उन्हें चौथी डोज लगाई जा सकती हैं. छह महीने से चार साल की उम्र के जिन बच्चों ने दो महीने या उससे और पहले फाइजर और बायोएनटेक के मूल मोनोवालेंट शॉट्स के साथ अपनी तीन डोज ली हैं. उन्हें चौथी डोज लगाई जा सकती है. कंपनी अधकारियों का कहना है कि वैक्सीन की चौथी डोज ऑमिक्रॉन बीए.4 और बीए.5 के हमले को नाकाम करती है. 



तो चौथी डोज की नहीं होगी जरूरत


मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कोविड वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत है या नहीं. इसको लेकर कर्नाटक में संचालित श्री जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवास्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च की ओर से एक स्टडी की गई है. इसमें कोविशील्ड वैक्सीन की बूस्टर खुराक प्राप्त कर चुके 350 प्रतिभागियों का कोरोना के खिलाफ इम्यून सिस्टम देखा गया तो सभी में इम्यून सिस्टम बेहतर मिला. नतीजों में सामने आया कि मौजूदा समय में वैक्सीन की चौथी डोज की जरूरत नहीं है. बूस्टर शॉट ही कोरोना का काम तमाम कर रहा है. 


डॉक्टरों का ये है कहना


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर ने भी एक रिपोर्ट में बताया है कि कोविड की यदि 3 डोज ले रखी हैं तो चौथी डोज की अभी जरूरत नहीं है. ऐसे लोगों का टी सेल सिस्टम मजबूत है. ये कोरोना के खतरे को काफी कम कर देता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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