Covid Vaccine: कोविड वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग होने के चांस बेहद कम लेकिन जानलेवा- रिसर्च स्टडी का दावा
Covid Vaccine: New England Journal of Medicine में ये रिसर्च स्टडी छपी है. इसके अनुसार एस्ट्राजेनेका से क्लॉटिंग का 50,000 लोगों में एक मामला सामने आया है. जबकि इनमें से एक चौथाई लोगों की मौत हुई है.

Covid Vaccine: वैज्ञानिकों के अनुसार कोविड-19 वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग (खून के थक्के जमना) होने के चांस बेहद कम होते है. हालांकि अगर किसी को वैक्सीन के बाद ब्लड क्लॉटिंग होती है तो ये उसके लिए जानलेवा भी साबित हो सकता है. साथ ही वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि वो कोविड-19 वैक्सीन से ब्लड क्लॉटिंग होने के कारणों की जांच कर रहे हैं.
New England Journal of Medicine में छपी एक रिसर्च स्टडी के अनुसार, 50 साल से कम उम्र के जिन लोगों को एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) और यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड द्वारा तैयार वैक्सीन दी गई थी उनमें ब्लड क्लॉटिंग का 50,000 लोगों में एक मामला सामने आया है. जिन मरीजों में वैक्सीन लगाने के बाद ये ब्लड क्लॉटिंग के मामले मिले हैं उनमें से एक चौथाई लोगों की मृत्यु हुई है.
वैक्सिनेशन में उम्र की सीमा तय करने के बाद कम हुए है ब्लड क्लॉटिंग के मामले
रिसर्च के अनुसार, इन मामलो में से ऐसे मरीज जिनका प्लेटलेट काउंट बहुत कम होता है या जो अन्य किसी बीमारी से ग्रस्त होते हैं की मौत होने का खतरा 73 प्रतिशत तक बढ़ जाता है. हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि जब से वैक्सिनेशन में उम्र की सीमा तय की गई है तब से वैक्सीन के बाद ब्लड क्लॉटिंग के मामलों में कमी आई है.
एस्ट्राजेनेका वैक्सीन पर निर्भर देशों को मिलेगा इस स्टडी से फायदा
वैज्ञानिकों का मानना है कि जिन देशों में वैक्सिनेशन का अभियान ज्यादातर एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन पर निर्भर है उन्हें इस स्टडी से बहुत फायदा मिलेगा. साथ ही वो इस स्टडी के अनुसार ये भी तय कर पाएंगे कि, किसको ये वैक्सीन दी जानी चाहिए और किसको नहीं दी जानी चाहिए.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉस्पिटलस के वैज्ञानिक, स्यु पवोर्ड ने कहा, "इस रिसर्च स्टडी के जरिये जो जानकारी हमनें ब्रिटेन में जुटाई है वो दुनिया के अन्य देशों के लिए भी बेहद अहम साबित होगी. अगर वो समय रहते समस्या का पता लगा लेते हैं और उम्र के हिसाब से इस वैक्सीन को मैनेज करते हैं तो वो एस्ट्राजेनेका के साथ अपने वैक्सिनेशन अभियान को जारी रख पाएंगे."
यह भी पढ़ें
Afghanistan Situation: अमेरिका की चेतावनी- 90 दिन में काबुल पर भी कब्जा कर लेगा तालिबान
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस

