Covid Warning: क्या कर्नाटक में तीसरी लहर दूसरी जैसी होगी 'गंभीर'? जानिए विशेषज्ञों की राय
Covid Warning: तीसरी लहर को टाला जा सकता है अगर सरकार कोविड टीकाकरण की दर को बढ़ाए और कोविड प्रोटोकॉल के पालन को सख्ती से लागू करे.
Covid Warning: भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर कम हो गई है, और मेडिकल विशेषज्ञ देश में किसी भी वक्त जल्द संभावित तीसरी लहर आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं. मंडराते डर के बीच, बेंगलुरू के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि कर्नाटक में पूर्व के मुकाबले इस बार की लहर में सात गुना ज्यादा बच्चों में कोविड के मामले देखने को मिल सकते हैं. रिसर्च रिपोर्ट में माना गया है कि नतीजे आनेवाले महीनों में जन स्वास्थ्य रणनीतियों की शक्ल बदलने में मदद कर सकते हैं.
क्या तीसरी लहर को टालना संभव है?
हालांकि, वैज्ञानिकों ने स्पष्ट किया है कि तीसरी लहर को रणनीतियों से टाला जा सकता है, अगर टीकाकरण दर को दोगुना कर दिया जाए और कोविड प्रोटोकॉल जैसे मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनेटाइजेशन और भीड़ नियंत्रण जैसे उपायों को सख्ती से लागू किया जाए. लेकिन व्यावहारिक नियमों के पालन नहीं करने पर टीकाकरण को दोगुना करने से भी कर्नाटक में तीसरी लहर को रोका नहीं जा सकता.
डेक्कन हेराल्ड से बात करते हुए पब्लिक हेल्थ फांउडेशन ऑफ इंडिया के डॉक्टर गिरिधर बाबू ने कहा है कि सात गुना अधिक का अंदाजा औसतन है और ये तीन से दस के बीच रह सकता है. पोर्टल ने उनके हवाले से बताया, "रिसर्च डराने के लिए नहीं है बल्कि तैयारी के लिए है. भले ही उनमें कोरोना संक्रमण विकिसत हो, ज्यादातर बच्चों को अस्पताल में ठहरने की जरूरत नहीं पड़ेगी." रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं ने साफ किया कि कोविड से जुड़े सुरक्षात्मक प्रोटोकॉल के पालन में नाकामी का नतीजा तीसरी लहर का प्रकोप हो सकता है.
कोरोना की तीसरी लहर की आशंका
रिसर्च के मुताबिक, महामारी की तीसरी लहर देश में 2022 की शुरुआत तक आ सकती है अगर वैक्सीन से मिलनेवाली इम्यूनिटी अगले 180 दिनों तक बरकरार रहती है. शोधकर्ताओं ने कहा, "अगर मान लिया जाए कि अगले 180 दिनों तक एंटीबॉडी की कमी नहीं है, तब, एक नई लहर की सिर्फ अगले साल के शुरू में भविष्यवाणी की जाती है, भले ही सितंबर 2021 से पहले नया वेरिएन्ट सामने आ जाए." हालांकि, कुछ ही परिस्थितियों में तीसरी लहर का अनुमान लगाया जाता है, जब दोहरे टीकाकरण दर से एक्टिव केस लोड बहुत कम हो. अगर कोई नया वेरिएन्ट अक्तूबर 2021 के अंत तक नहीं उजागर होता है, तो नई लहर को टीकाकरण की दर दोगुनी कर दबाया जा सकता है. उन्होंने राज्य सरकार को आईसीयू बेड्स के लिए बेहतर व्यवस्था करने का भी सुझाव दिया.
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