हार्ट अटैक (Heart Attack) के तुरंत बाद सीपीआर देने से जान बचाई जा सकती है. सीपीआर करने की जो पूरी प्रकिया है वह काफी ज्यादा महत्वपूर्ण है. क्योंकि अगर ठीक तरीके से सीपीआर की जाए तो गंभीर से गंभीर हार्ट अटैक से बचने की संभावना दोगुना और तीगुना बढ़ सकती है. सीपीआर ठीक तरीके से करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक से काम करता है. हार्ट अटैक पड़ने के तुरंत बाद अगर आप ठीक से सीपीआर करेंगे तो जान बचाने की संभावना बढ़ सकती है. 


5 घंटे 40 मिनट तक लगातार सीपीआर देने के बाद बचाई गई जान


52 साल की इतालवी पर्वतारोही को हाइपोथर्मिक कार्डियक अरेस्ट पड़ा था. जिसके बाद उन्हें 5 घंटे 40 मिनट तक लगातार सीपीआर देने के बाद उनकी जान बचाई गई. ये बिना किसी एक्स्ट्राकोर्पोरियल लाइफ सपोर्ट के कारण किया गया था. एक दूसरे मेडिकल जर्मल में छपी रिपोर्ट के मुताबिक 61 साल के एक व्यक्ति के केस के बारे में बताया कि वह एंबुलेंस से हॉस्पिटल जा रहा था तभी पीठ में तेज दर्द हुआ जिसके बाद पता चला कि कार्डियक अरेस्ट हुआ है. जिसके बाद उसे 82 मिनट तक सीपीआर दिया और उसकी जान बचाई गई. 


हार्ट अटैक को लेकर क्या कहते हैं आंकड़ें


भारत में हर साल हज़ारों लोग कार्डियक अरेस्ट से मरते हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार पिछले 10 सालों में यानी 2012 से 2021 तक देश में हार्ट अटैक से होने वाली मौतों में 54 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.कार्डियक अरेस्ट दिल की कार्यप्रणाली, सांस लेने और चेतना का एक अप्रत्याशित नुकसान है. जिसमें दिल अचानक धड़कना बंद कर देता है. यह मृत्यु का कारण बन सकती है. 


सीपीआर देने का तरीका: 


सीपीआर देने के लिए, दोनों हाथों को इस तरह जोड़ें कि हथेली का निचला हिस्सा छाती पर आए. 


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छाती को केंद्र के निचले आधे हिस्से पर रखकर दबाएं. 


छाती को 5 सेंटीमीटर तक दबाएं. 


एक मिनट में 100-120 बार छाती दबाएं. 


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सही सीपीआर अनुपात 2 सांसों के लिए 30 संपीड़न है. 


सीपीआर देने से जुड़ी कुछ और बातें:


सीपीआर देने के लिए किसी सर्टिफ़िकेट की ज़रूरत नहीं होती.


अगर मरीज़ सांस नहीं ले रहा है या रिस्पॉन्स नहीं कर रहा है, तो तुरंत सीपीआर देना शुरू करें.


सीपीआर देने के दौरान मरीज़ को होने वाली तकलीफ़ के बारे में न सोचें.


सीपीआर से होने वाली कोई भी समस्या सीपीआर न देने से ज़्यादा बेहतर होती है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.