संजय बांगर के बेटे ने करवाई हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी, जानें लड़के से लड़की बनना कितना मुश्किल
हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी बेहद कठिन प्रक्रिया है. इससे लड़के से लड़की बनने के लिए जेंडर चेंज कराया जाता है. ऐसे लोग जो अपना जेंडर चेंज करने चाहते हैं, उनकी एचआरटी की जाती है.कई रिस्क भी हो सकते हैं.
Hormone Replacement Therapy : भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर संजय बांगड़ के बेटे आर्यन ने अपना जेंडर चेंज करवा लिया है. वह लड़के से लड़की बन गए हैं. अब उनका नाम अनाया है. 11 महीने पहले 23 साल के आर्यन ने हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी (HRT) कराने के बाद सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक वीडियो शेयर कर बताया कि इस दौरान उन्हें क्या-क्या दिक्कतें आईं.
उन्होंने लिखा- 'ताकत खो रहा, लेकिन खुशी मिल रही है. शरीर बदला, डिस्फोरिया कम हो रहा है. अभी भी काफी लंबा रास्ता तय करना है, लेकिन हर कदम मुझे अपना लगता है.' बता दें कि आर्यन अब अनाया भी क्रिकेटर हैं. लेफ्ट हैंड बैट्समैन लोकल क्रिकेट क्लब इस्लाम जिमखाना की तरफ से क्रिकेट खेलते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं लड़के से लड़की बनना किसी के लिए कितना मुश्किल होता है.
हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी क्या है
हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें शरीर में हार्मोन को बदल दिया जाता है. इस प्रक्रिया में महिला या पुरुष के जेंडर में बदलाव किया जाता है. इसमें प्लास्टिक सर्जरी की मदद भी ली जाती है.
भारत में साल 2014 में इसकी मान्यता मिली थी. जेंडर चेंज सर्जरी की ज्यादातर प्रक्रिया के लिए 4 डॉक्टर, मनोरोग विशेषज्ञ, सर्जन, गाइनेकोलॉजिस्ट और एक न्यूरो सर्जन की टीम रहती है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, 21 साल के बाद ही ये सर्जरी की जाती है. इससे कम उम्र के लिए माता-पिता की अनुमती की जरूरत पड़ती है. इस सर्जरी में, पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन को महिला हार्मोन एस्ट्रोजन से बदल दिया जाता है, जिससे लड़के के शरीर में लड़की के लक्षण आ जाते हैं.
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हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी के फेज
1. परमिशन
जेंडर चेंज सर्जरी से पहले न्यूज पेपर में विज्ञापन देना पड़ता है. इस विभाग से जुड़े अधिकारी को आवेदन देना पड़ता है. शुरुआती जांच के बाद राज्य के विभाग मुख्यालय इसे भेजा जाता है. आवेदन के साथ राष्ट्रीय स्तर के तीन मनोचिकित्सक और जेंडर चेंज करने वाले 4 डॉक्टरों की रिपोर्ट लगानी पड़ती है. सुप्रीम कोर्ट के इससे जुड़े फैसले की कॉपी भी लगानी पड़ती है. इसके लिए एक मनोवैज्ञानिक और एक हार्मोन विशेषज्ञ की सलाह भी लेनी पड़ती है.
2. हार्मोन थेरेपी
अनुमति मिलने के बाद आप सर्जरी के लिए आगे बढ़ सकते हैं. पुरुष को हार्मोन थेरेपी दी जाती है ताकि उनके शरीर में महिला हार्मोन का स्तर बढ़ सके. महिला जेंड़र चेंज कराना चाहती है तो उसके लिए भी यही प्रक्रिया है.
3. सर्जरी
इन सबके बाद हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी सर्जी कर महिला या पुरुष के शरीर में हार्मोन को बदल दिया जाता है, ताकि वह जिस जेंडर में रहना चाहते हैं, उसी तरह का उनका बर्ताव बन सके. इसके बाद प्रक्रिया कंप्लीट होती है.
4. रिकवरी
हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी के बाद उसकी रिकवरी डॉक्टरों की निगरानी में ही होती है. शरीर को ठीक होने के लिए पूरा समय दिया जाता है, ताकि आगे चलकर किसी तरह की दिक्कत न आए और अगर सर्जरी के बाद ही ऐसा कुछ दिखता है तो उसे ठीक किया जा सके.
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हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी के फायदे
जेंडर चेंज होने से इंसान को अपना जेंडर मन-मुताबिक करने का मौका मिलता है.
यह सर्जरी अपने शरीर के साथ आत्म-सम्मान महसूस कराती है.
जेंडर चेंज सर्जरी उस पुरुष या महिला के मेंटल कंडीशन को बेहतर बनाती है.
हार्मोन रिप्लेसमेंट सर्जरी के रिस्क
इस सर्जरी में जरा सी चूक भी इंफेक्शन का कारण बन सकती है.
सर्जरी के दौरान या बाद में ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है.
जेंडर चेंज सर्जरी में हार्मोन असंतुलन की समस्या भी हो सकती है.
इसकी वजह से मेंटल प्रॉब्लम्स भी फेस करने पड़ते है.
सामाजिक स्तर पर भी कई मुसीबतें झेलनी पड़ सकती हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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