दही या छाछ...गर्मियों में आपके शरीर को ठंडा रखने के लिए क्या सही है?
दही औऱ छाछ दोनों ही गट हेल्थ के लिए बेहतर माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार छाछ दही से ज्यादा बेहतर होता है. ये न केवल पचने में हल्की होती है, बल्कि ये सभी प्रकार के शरीर के लिए उपयुक्त होती है.
Curd Vs Buttermilk: भोजन के साथ दही का सेवन लगभग हर भारतीय घर में होता है. ये शरीर को ठंडा रखता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि छाछ जो दही से ही बनती है, गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के लिए बेहतर हो सकती है? आयुर्वेद के अनुसार, छाछ न केवल पचने में हल्की होती है, बल्कि यह सभी प्रकार के शरीर के लिए उपयुक्त होती है. ऐसा माना जाता है कि दही शरीर पर गर्म प्रभाव छोड़ती है, जबकि छाछ प्रकृति में ठंडी होती है. अगर आप भी दही और छाछ को लेकर कंफ्यूज रहते हैं तो हम आपको एक्सपर्ट के बताए अनुसार इस बारे में सारी जानकारी दे रहे हैं.आइए जानते हैं दोनों में से कौन आपके लिए बेहतर है
दही या छाछ में आपके लिए कौन ज्यादा बेहतर?
1.दही और छाछ दोनों ही प्रोबायोटिक्स हैं जो आंत के बैक्टीरिया को स्वस्थ रखते हैं.लेकिन डाइजेशन के लिए छाछ ज्यादा बेहतर है. छाछ एक हेल्दी प्रोबायोटिक्स, विटामिन और खनिजों का एक पावरहाउस है जो अत्यधिक गर्मी में भी हमारे शरीर के तापमान को कम रखता है. तो, आप अपनी ऊर्जा को पुनर्जीवित करने और अपने शरीर को प्राकृतिक रूप से ठंडा करने के लिए एक गिलास ठंडा छाछ पी सकते हैं.पाचन में कुछ अतिरिक्त लाभ प्रदान करने के लिए आप जीरा पाउडर, गुलाबी नमक हींद और जिंजर इस्तेमाल कर सकते हैं.
2.अगर आपकी पाचन अग्नि तेज है और आपका पाचन सही है, तो आप वजन बढ़ाने में मदद करने के लिए साबुत वसा वाला दही ले सकते हैं. हालांकि, अगर आपके पास वजन कम करने का लक्ष्य है, तो आप अतिरिक्त मात्रा में पानी और कम दही के साथ छाछ ले सकते हैं.
3.दही की तासीर गर्म होती है, जबकि उसी दही से बनी छाछ एक अलग प्रक्रिया से गुजरती है और इसका फॉर्मूलेशन इसे प्रकृति में ठंडा बनाता है. इसलिए, हम गर्मी के मौसम में दही के बजाय छाछ का सेवन कर सकते हैं.
छाछ के कुछ अन्य स्वास्थ्य लाभ
- यह मसालेदार भोजन के बाद आंत की जलन को शांत करने में मदद करता है.
- यह कैल्शियम का एक अच्छा स्रोत है.
- यह विटामिन से भरपूर है और इसलिए आपके शरीर के लिए स्वस्थ है.
- छाछ में पाई जाने वाली मिल्क फैट ग्लोब्यूल मेम्ब्रेन उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करती है.
- यह एक बायोएक्टिव प्रोटीन भी है जो कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रण में रखता है.
- वही ग्लोब्यूल्स एंटी-वायरल, एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-कैंसर भी होते हैं.
- यह एसिड रिफ्लक्स के कारण पेट की जलन को शांत करने में भी मदद करता है और इस प्रकार एसिडिटी से लड़ने में मदद करता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
ये भी पढ़ें: एक दिन में इतने से ज्यादा आम न खाएं, नहीं तो पेट की बीमारी जीने नहीं देगी
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )