Cyberbullying Side Effect: फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम समेत अन्य सोशल साइटस लोगों के जीवन का हिस्सा बन चुकी हैं. बच्चे हो या बड़े, दिनभर का अधिकांश समय इन्हीं सोशल मीडिया अकाउंट पर गुजरता है. विशेषज्ञ इसे लत के रूप में देखते हैं. मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सोशल मीडिया ने लोगों की दिनचर्या को गंभीर रूप से प्रभावित किया है. आजकल सोशल मीडिया पर कई तरह का ट्रेंड भी चल रहा है. इसी ट्रेंड का शिकार लोग हो जाते हैं. सोशल मीडिया पर चल रही यह नई तरह की धारणा लोगों को डराती है. विशेषज्ञों ने इससे बचने की सलाह दी है. इंटरनेशनल संस्थान यूनीसेफ ने भी इसे बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद गंभीर माना है. 


यहां जानिए, क्या होती है साइबर बुलिंग


आप फेसबुक, इंस्टाग्राम, ट्विटर जैसा कोई न कोई सोशल मीडिया अकाउंट चलाते ही होंगे. आजकल सोशल मीडिया पर एक शब्द का बड़ा चलन रहता है. इसे सोशल मीडिया की भाषा में ट्रोलिंग के नाम से जाना जाता है. कोई न कोई अभिनेता, अभिनेता, राजनेता या कोई प्रसिद्ध व्यक्ति आए दिन ट्रोलिंग का शिकार होता है. इसे साइबर बुलिंग का ही एक पार्ट माना जाता है. इसका मकसद लोगों को डराना, गुस्सा दिलाना या उन्हें शर्मसार करना है. 


किस तरह होती है साइबर बुलिंग


सोशल मीडिया पर साइबर बुलिंग का केवल एक जरिया नहीं हो सकता है. यह कई तरह से लोगों को शिकार बनाती है. मसलन, सोशल मीडिया अकाउंट पर किसी के बारे में झूठ फैलाना, किसी का चरित्र हनन करना, शर्मनाक फोटो या वीडियो पोस्ट करना शामिल होता है. मैसेजिंग प्लेटफॉर्म के जरिए अपमानजनक, धमकी भरे संदेश, चित्र, वीडियो भेजना या अन्य तरह से छवि खराब किया जाना शामिल होता है. 


जानते हैं, बुली क्या है?


साइबर का मतलब इंटरनेट या तंत्र से माना जाता है. लेकिन साइबर बुलिंग के साथ ही इसमें सम्मान का सवाल भी जुड़ जाता है. विशेषज्ञों का कहना है कि दोस्त या जान पहचान वाले एक दूसरे से मजाक करते हैं. लेकिन इस मजाक में किसी की छवि को नुकसान नहीं पहुंचाया जाता है. लेकिन यदि इसी तरह की मजाक से किसी व्यक्ति को परेशान किया जाए, नीचा दिखाया जाए तो यह बुली कहलाता है. इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिहए. यदि ऑनलाइन इस तरह का शिकार हो रहे हैं तो और अधिक गंभीर होने की जरूरत है. 


मेंटल हेल्थ पर हो सकता है बुरा असर


विशेषज्ञों का कहना है कि साइबर बुलिंग सुनने में भले ही रोचक शब्द लगता हो. लेकिन इसके नतीजे कापफी गंभीर होते हैं. जिस भी व्यक्ति को साइबर बुलिंग का शिकार बनाया जाता है. उसके शारीरिक और मानसिक स्वासथ्य पर बेहद विपरित असर पड़ता है. इससे पीड़ित व्यक्ति मानसिक रूप से परेशान, शर्मिंदा, भयभीत, एंग्जाइटी, डिप्रेशन का शिकार बन जाता है. इसके असर बॉडी पर दिखता है. नींद न आना, थकान रहना, सिर में दर्द रहना, बॉडी और पेट में दर्द रहना इसके लक्षण के रूप में दिख सकते हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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