Cyber Sickness Disease: टेक्नोलॉजी के इस जमाने में हर कोई मोबाइल और  लैपटॉप का इस्तेमाल खूब बढ़ चढ़कर कर रहा है. ऑनलाइन क्लास हो या फिर स्कूल की फीस या दोस्तों से चैटिंग या फिर गेम ही क्यों ना खेलना हो हर काम इससे आसान हो गया है, लेकिन वो कहते हैं ना कि किसी भी चीज का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल बुरा प्रभाव छोड़ता है ठीक ऐसा ही टेक्नोलॉजी के साथ भी है. काम खत्म होने के बाद भी हमारा आधा से ज्यादा समय लैपटॉप कंप्यूटर या मोबाइल के साथ ही गुजरता है ये ना सिर्फ हमारा वक्त बर्बाद कर रहा है बल्कि हमारी सेहत पर भी असर डाल रहा है.कुछ लोग ते ऐसे भी हैं जो इस फोन और गैड्जेट के चककर में रात रात भर नहीं सोते. इसी वजह से कई लोग साइबर सिकनेस डिजीज की शिकार हो रहे हैं अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर यह क्या बीमारी है तो आपको हम इस आर्टिकल में इससे जुड़ी सारी बातें बताएंगे.


क्या है साइबर सिकनेस डिजीज?


साफ शब्दों में कहें तो लंबे समय तक स्क्रीन के साथ चिपके रहने से आंखों में चुभन, चक्कर आना और उल्टी की शिकायत होती है.जैसे ही आप इस स्क्रीन पर नजर डालते हैं आंखों में सुई जैसी चुभन होने लगती है. पलकों पर दबाव बनना, आंखों में सूजन दिखाई देना या फिर सिरदर्द जैसी समस्या धीरे-धीरे एक बड़ा रूप ले लेती है,साथ ही मानसिक भटकाव की स्थिति पैदा होती है. यह किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है.


साइबर सिकनेस डिजीज के लक्षण


- आंख में चुभन


- आंखों का लाल होना


- पलकों पर दबाव महसूस होना


-सिर में तेज दरद होना


-आंखों में सूजन


-चक्कर आना


-मतली होना


-चिड़चिड़ापन


-नींद आने में परेशानी


कैसे करों बचाव



  • अपनी आंखों को बंद कर तीन बार ऊपर नीचे करें, इसके बाद बाएं और दाएं तरफ करें अंत में फर्श पर देखें.इससे समस्या में राहत पहुंचता है.

  • आपको स्क्रीन टाइम कम करना होगा. आप दिन में जितने भी घंटे स्क्रीन पर बिता रहे हैं उसमें कम से कम 30 फ़ीसदी की कमी लाएं.

  • अगर आप 7 से 8 घंटे स्क्रीन पर जाते हैं इसके अलावा टीवी और मोबाइल मिलाकर दिन के 10 घंटे हो सकते हैं, ऐसे में आपको चाहिए कि आप तुरंत इस से 7 घंटे कर दें.

  • रात के वक्त मोबाइल इस्तेमाल करने से बचें खासतौर पर लेट कर मोबाइल बिल्कुल ना देखें.

  • लैपटॉप या कंप्यूटर पर ब्लू फिल्टर लगाएं