दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्य इलाकों में रहने वाले लोगों को दिवाली के अगले दिन सुबह जहरीले धुएं की चादर में जागना पड़ा. लोगों ने गुरुवार की रात जमकर पटाखे फोड़ें. पटाखों में कई जहरीली गैसें और कैमिकल मिले होते हैं जो खुली हवा के संपर्क में आने पर एक्टिव हो जाते हैं. यह इतने ज्यादा खतरनाक होते हैं कि यह हमारे शरीर और ऑर्गन को काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं.


उदाहरण के लिए अगर किसी क्षेत्र में भारी बारिश या तेज़ हवाएं नहीं चलती हैं तो नाइट्रस ऑक्साइड हवा में लंबे समय तक रहता है. इसके कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत और फेफड़ों मेें इंफेक्शन की शिकायत हो सकती है. हरियाणा के  कई स्थानों पर गुरुवार रात यानी दिवाली की रात एयर क्वालिटी काफी ज्यादा खराब हो गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार 1 नवंबर को सुबह 6 बजे दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता 395 के एक्यूआई के साथ बहुत खराब कैटेगरी में थी. 


पटाखा फोड़ने से हवा में कई खतरनाक जहर मिल सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:


कार्बन मोनोऑक्साइड


कलरलेस, गंधहीन गैस जो उच्च सांद्रता में घातक हो सकती है. कार्बन मोनोऑक्साइड डिटेक्टर काम कर रहा है या नहीं. यह जानने का एकमात्र तरीका है.


ओजोन


एक अत्यधिक जहरीली गैस जो श्वसन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है, जिससे सूजन, खांसी और ग्रसनीशोथ होता है. यह वायुमंडल में फोटोकैमिकल प्रतिक्रियाओं द्वारा उत्पन्न होती है. खासकर वसंत और गर्मियों में.


हाइड्रोजन सल्फाइड


एक रंगहीन, दहनशील गैस जिसमें एक विशिष्ट "सड़े हुए अंडे" जैसी गंध होती है. यह सीवेज, ज्वालामुखियों, प्राकृतिक गैस कुओं और खाद के गड्ढों में पाई जाती है. यह खनन, तेल और गैस शोधन, और लुगदी और कागज उत्पादन जैसी औद्योगिक प्रक्रियाओं द्वारा भी उत्पादित हो सकती है.


स्ट्राइकिन


एक जहर जिसे पाउडर के रूप में साँस में लिया जा सकता है या सड़क पर बिकने वाली दवा के रूप में धूम्रपान किया जा सकता है. यह मांसपेशियों को तंत्रिका संकेतों को नियंत्रित करने वाले रसायन को ठीक से काम करने से रोकता है, जिससे दर्दनाक ऐंठन होती है.


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क्लोरीन


एक गैस जो चिकित्सा देखभाल के साथ भी गंभीर विषाक्तता पैदा कर सकती है. यह संभावना क्लोरीन के संपर्क की मात्रा, संपर्क के प्रकार और उपचार कितनी जल्दी प्राप्त होता है, इस पर निर्भर करती है. आर्सेनिक एक धातु है जो हवा, पानी, चट्टान और मिट्टी में पाया जा सकता है. आर्सेनिक के अकार्बनिक रूप कार्बनिक रूपों की तुलना में अधिक हानिकारक हैं.


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कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) के धुएं में सांस लेने से कार्बन मोनोऑक्साइड विषाक्तता हो सकती है. CO विशेष रूप से खतरनाक है क्योंकि आप इसे देख या सूंघ नहीं सकते. एक काम करने वाला CO डिटेक्टर ही यह जानने का एकमात्र तरीका है कि यह मौजूद है. आपके शरीर में CO का उच्च स्तर कुछ ही मिनटों में मौत का कारण बन सकता है.


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पॉल्यूशन के दौरान बाहर निकलने पर इन बातों का रखें ख्याल


1. स्किन को मॉश्चराइज रखें. नारियल का तेल और अच्छी मॉश्चराइजर क्रीम लगाएं.


2. ज्यादा गर्म पानी से न नहाएं.


3. स्किन को हाइड्रेटिड रखने के लिए खूब सारा पानी पिएं.


4. बाहर स्किन कवर करके ही निकलें.


5.  ज्यादा ट्रैफिक होने पर वॉक पर न जाएं.


6.  खाने का पूरा ख्याल रखें. हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज और फल खाएं.