Ayurvedic Lifestyle Tips: आप आयुर्वेदिक पद्धिति से जीवन जीना चाहते हैं तो इससे जुड़े नियमों को जानना चाहिए. आयुर्वेद (Ayurveda) में भोजन से लेकर सोने, उठने, सही विधि से बैठने इत्यादि के भी उचित तरीके बताए गए हैं. इस आर्टिकल में बताया गया है कि दिन में सोने के लिए (Day Nap) आयुर्वेद में क्यों मनाही है. ऐसा करने से क्या नुकसान (Harm) होता है? कौन-से लोग दिन में सो सकते हैं और किन्हें दिन में बिल्कुल नहीं सोना चाहिए...


आयुर्वेद के अनुसार, दिन में सोने से शरीर में कफ बढ़ता है और वात घटता है. ऐसे में कफ के कारण होने वाली बीमारियों की समस्या बढ़ जाती है. हालांकि जो लोग वात प्रकृति के होते हैं, उन्हें दिन में सोने से लाभ हो सकता है. थकान होने पर आप दिन में 15 से 20 मिनट के लिए आराम से लेट सकते हैं. लेकिन सोना नहीं है. 


इन लोगों को दिन में नहीं सोना चाहिए



  • आप फिटनेस फ्रीक हैं और मेंटल-इमोशनल हेल्थ को लेकर भी जागरूक हैं.

  • अगर आपका वजन बहुत अधिक है और आप पतला होना चाहते हैं.

  • जो लोग बहुत अधिक मात्रा ऑइली और मैदा से बनी चीजें खाते हैं, उन्हें दिन में सोने से बचना चाहिए.

  • जिन लोगों की प्रकृति कफ जनित होती है, उन्हें भी दिन में सोने से बचना चाहिए.

  • अगर आपको शुगर की समस्या है, पीसीओएस की दिक्कत है या फिर हाइपोथायरॉइड की समस्या है, तब भी दिन में नहीं सोना चाहिए.


ये लोग दिन में सो सकते हैं



  • आप किसी काम के दौरान या सफर के दौरान शारीरिक और मानसिक रूप से थके हुए हैं.

  • बहुत दुबले-पतले हैं और कमजोर लोग.

  • सर्जरी होने के बाद या कोई बीमारी होने पर.

  • वो महिलाएं, जिन्होंने हाल ही बच्चे को जन्म दिया हो.

  • आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धिति के अनुसार, जिन लोगों की उम्र 10 साल से कम होती है और जिनकी उम्र 70 साल से अधिक होती है, वे लोग दिन के समय सो सकते हैं.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. 


यह भी पढ़ें: थायरॉइड से बचाते हैं ये 6 न्यूट्रिऐंट्स, डायट में शामिल करें ये 3 टेस्टी फूड्स

यह भी पढ़ें: सीने में दर्द की होती हैं ये 5 मुख्य वजह, हल्के में ना लें ये परेशानी