हर किसी को यह जानने की उत्सुकता रहती है कि मौत के बाद के सफर में क्या होता है. मौत का अनुभव कैसा होता है. क्या वो दर्दनाक होता है या सुखद होता है. ऐसे ही कई सवाल आपके मन में भी कई बार आए होंगे. मौत के बाद के सफर में क्या होता है, इस बात का खुलासा केवल वही व्यक्ति कर सकता है जो मरकर जिंदगी में वापस लौटा हो. दरअसल ब्रिटेन के एक व्यक्ति ने अपनी मौत के बाद की दास्तां सुनाई है. जी हां आप सही सुन रहे हैं. ये व्यक्ति अपनी बीमारी से जूझते-जूझते जिंदगी को अलविदा कह गया था. हालांकि कुछ ही समय के बाद ये अपनी जिंदगी में वापस लौट आया यानी मरने के बाद फिर से जिंदा हो गया.     


55 साल के केविन हिल को कैल्सीफाइलैक्सिस की बीमारी है. यह एक ऐसी दुर्लभ बीमारी है, जिसमें फैट और स्किन टीशूज़ के छोटे ब्लड वैसल्स में कैल्शियम जमा हो जाता है. केविन ने जिंदा होने के बाद बताया कि मृत्यु के बाद वो एक ऐसी सुरंग से निकले, जिसके अंत में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा था. उन्होंने बताया कि फफोले के कारण उनकी स्किन डेड होने लगी थी. फफोलो ने उनकी स्किन को खाना शुरू कर दिया था. जिसकी वजह से वो अंत समय में बहुत दर्द महसूस कर रहे थे.


"द मिरेकल मैन"


उनकी हालात इतनी खराब हो गई कि उनके पैरों से खून तेजी से बहने लगा. उन्होंने बताया कि उनका 473.18 mL तक खून बह गया था. डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की कई कोशिशें कीं, लेकिन वे बचा नहीं सके. हालांकि जब वे जिंदा हुए तो डॉक्टर भी दंग रह गए. जिंदा होने के बाद वह पूरी तरह से ठीक हो चुके थे. इसके लिए उन्हें "द मिरेकल मैन" भी करार दिया गया है. केविन हिल ने बताया कि मौत का अनुभव वास्तव में एक शांतिपूर्ण अनुभव था. 


जिंदा होने के बाद रुक गई ब्लीडिंग


केविन ने कहा, 'मरने के बाद मैं अपने शरीर को नहीं देख पा रहा था, लेकिन मैं अपने शरीर से अलग हो चुका था. सबकुछ ऐसा था जैसे कि मैं किसी आत्मा के साए में हूं. मुझे पता था कि क्या हो रहा है, फिर भी बहुत शांति थी. मुझे पता था कि ब्लीडिंग हो रही है. मुझे पता था कि ये एक सीरियस सिचुएशन है. सारे हॉस्पिटल स्टाफ मेरी ब्लीडिंग रोकने के लिए अंदर-बाहर जा रहे थे. उन्होंने कहा, 'मुझे मालूम था कि मैं मर चुका हूं और अपने शरीर से अलग हो चुका हूं. मैं बस चला गया, लेकिन फिर मैं वापस जिंदा हो गया और तो और ब्लीडिंग भी रुक गई. मुझे पता चल चुका था कि यह मेरे मरने का वक्त नहीं था.'


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