'राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो' (NCRB) की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक 2021 की तुलना में 2022 में दिल के दौरे से होने वाली मौतों की संख्या में 12.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में दिल के दौरे से 32,457 लोगों की मौत हुई, जो पिछले साल दर्ज की गई 28,413 मौतों से काफी अधिक है. रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि कोविड-19 के बाद से ही दिल के दौरे से होने वाली मौत की संख्या लगातार बढ़ी है. कई रिसर्च में यह भी कहा गया है कि कोरानावायरस की वजह से हार्ट के फंक्शन को काफी ज्यादा प्रभावित किया है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2022 में अचानक होने वाली मौतों की दर भी बढ़ी है.साल 2022 में अचानक होने वाली मौतों की कुल संख्या काफी ज्यादा हैरान करने वाली है. आंकड़ों की संख्या 56,450, जो पिछले तीन वर्षों में चिंताजनक बढ़ती प्रवृत्ति को दर्शाती है.


तीन सालों में हार्ट अटैक से होने वाली मौत के आंकड़ें काफी बढ़े हैं


साल 2022 में यह आंकड़ा 56,450 तक पहुंच गया. जो पिछले साल के 50,739 के आंकड़े से 10.1% की बढ़ोतरी हुई है. अचानक से होने वाली मौत के बारे में 'एनसीआरबी' (NCRB) ने अपनी रिपोर्ट में परिभाषित किया है. दिल का दौरा, ब्रेन स्ट्रोक से होने वाली मौत में लगातार बढ़ोतरी हुई है. साल 2020 में यह आंकड़े 28,579 से कम होकर 2021 में 28,413 हो गई, और फिर 2022 में बढ़कर 32,457 हो गई.


इस वजह से पड़ता है दिल का दौरा


विशेषज्ञों ने ऐसे कई कारक बताए हैं जो दिल के दौरे के खतरे को बढ़ाते हैं. जैसे हाई सोडियम डाइट, एक्सरसाइज की कमी, धूम्रपान, अत्यधिक शराब पीना, ज्यादा एक्टिव न रहना आदि. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, हाई हीमोग्लोबिन का स्तर भी आपके दिल के खतरे को बढ़ा सकता है. स्ट्रोक और रक्त के थक्के, पॉलीसिथेमिया के रूप में जाना जाता है. एक ऐसी स्थिति जहां बोन मैरो में असामान्यताओं के कारण मानव शरीर में लाल कोशिकाएं बढ़ जाती हैं.


रिपोर्ट के मुताबिक 


ये अतिरिक्त कोशिकाएं रक्त को गाढ़ा कर देती हैं. इसका प्रवाह धीमा कर देती हैं और रक्त के थक्के जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती हैं. 'नेशनल हैराल्ड' इंग्लिश में छपी रिपोर्ट के मुताबिक हेमेटोलॉजी और बोन मैरो ट्रांसप्लांट के प्रधान निदेशक डॉ. राहुल भार्गव कहते हैं कि उच्च हीमोग्लोबिन के स्तर को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इससे रक्त का थक्का जमने का खतरा बढ़ सकता है और कभी-कभी स्ट्रोक, दिल का दौरा और पैरों और पेट में रक्त के थक्के जमने जैसी खतरनाक स्थिति हो सकती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.