Debina Bonnerjee experience on breastfeeding: एक औरत के लिए मां बनना जिंदगी के एक खूबसूरत पलों में से एक होता है. हाल ही में अपनी दूसरी बेटी के जन्म के बाद टीवी ऐक्ट्रेस देबिना बनर्जी ने मां बनने का खूबसूरत अनुभव को अपने फैंस के साथ सोशल मीडिया पर शेयर किया है. देबिना बनर्जी की दो बेटियां हैं- लियाना और निनुदी. हाल ही में देबिना ने हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल जो देबिना डिकोड्स के नाम से है. उस पर एक ब्लॉग शेयर किया है. जिसमें उन्होंने अपनी दूसरी प्रेग्नेंसी के पूरे सफर का अनुभव शेयर किया है. देबिना ने अपनी दोनों बच्चियों के डिलिवरी के बाद अपनी ब्रेस्टफीडिंग को लेकर अनुभव शेयर किया है. देबिना ने बताया कि जब मुझे पहला बच्चा हुआ तो मैं ब्रेस्टफिडिंग नहीं करवा पाती थी. क्योंकि दूध ही नहीं होता था. देबिना कहती हैं कि दूसरे बच्चे के जन्म के बाद ब्रेस्टफीडिंग करवाती थी. इतना दूध होता था कि मेरी बेटी का पेट भर जाए.


ब्रेस्टफीडिंग पर देबिना बनर्जी ने कही ये बात


देबिना कहती हैं कि जहां कुछ महिलाएं ऐसी हैं जिनके ब्रेस्ट में दूध हो जाता है कि उनके बच्चे के लिए पर्याप्त होता है. उन महिलाओं को अपने बच्चों को अलग से फॉर्मूला मिल्क नहीं देना होता है. वहीं कुछ महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें उतना दूध नहीं होता है. जिससे उनके बच्चे का पेट भर जाए. ऐसी स्थिति में परेशान होने की जरूरत नहीं है. देबीना के मुताबिक.'लोग कहते हैं कि मां का दूध बच्चों के लिए बहुत अच्छा होता है. यह बात 100 प्रतिशत सत्य है लेकिन, अगर किसी मां का ब्रेस्ट में अगर पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं हो रहा है तो इसमें ज्यादा टेंशन लेने की जरूरत नहीं है. क्योंकि दूध होना न होना यह आपकी लाइफस्टाइल और खानपान पर निर्भर करता है. अगर आप किसी कारण से अपने बच्चों को ब्रेस्टफीडिंग नहीं करवा पा रही हैं.


ब्रेस्टफीडिंग और फॉर्मूला मिल्क पर क्या बोलीं देबिना बनर्जी


देबिना कहती हैं कि मार्केट में कई तरह के फॉर्मूला मिल्क मिल रहे हैं. इसे पीने वाले बच्चे भी हेल्दी और मजबूत होते हैं. इसका उदाहरण मेरी बड़ी बेटी लियाना ही है. अपनी दूसरी बेटी के बारे में बात करते हुए देबिना कहती हैं कि मेरा ब्रेस्टफीडिंग का अनुभव काफी अलग रहा है. मेरी बड़ी बेटी के जन्म के वक्त मेरे ब्रेस्ट में बिल्कुल भी दूध की कमी थी. वहीं दूसरी बेटी के जन्म के वक्त मेरा ब्रेस्टफीडिंग अनुभव काफी अच्छा था. मैं आराम से अपनी छोटी बेटी को ब्रेस्टफीडिंग करवाती थी. और साथ ही मेरे ब्रेस्ट में इतना मिल्क होता था कि मेरी बच्ची का आराम से पेट भर जाए.


ब्रेस्टफीडिंग को लेकर देबिना का खुलासा


देबीना ने अपनी दूसरी बेटी को जन्म को लेकर कहा, जब मेरे ब्रेस्ट में इतना मिल्क बनता था कि मेरी बेटी का पेट भर जाए तो मुझे बड़ी खुशी होती थी. मुझे एक बात की खुशी थी कि बच्चे के खाने को लेकर टेंशन नहीं होती थी. बच्चों के एक समय तक मां का दूध मिलें इसके लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल और खानपान में काफी कुछ बदलाव करने पड़ते हैं. इसके बाद आप सही खाते हैं और आप सब कुछ सही करते हैं.


ब्रेस्टफीडिंग करवाना बेहद टफ है


जब बच्चा अफनी मां का दूध पीना शुरू करता है तो वह पूरी प्रकिया बेहद कठिन और मुश्किल से भरा होता है. जब शुरुआत में आप बच्चे को ब्रेस्टफीडिंग शुरू करते हैं तब निप्पल में बहुत दर्द होता है. साथ ही आपको एक लंबे समय तक बैठना पड़ता है. वहीं दूसरी तरफ ज्यादा देर बैठे रहने के कारण आपके कमर में दर्द भी होने लगता है. देबिना कहती हैं कि अगर मैं आपसे अपने अनुभव शेयर करूं तो मैं जब अपनी बेटी को दूध पिलाती थी. उस वक्त मुझे अपनी पीठ के दाहिनी ओर तेज दर्द का एहसास होता था. साथ ही जब बच्चा सीधे स्तन से दूध पीता है तो यह समझना मुश्किल होता है कि उसका पेट भरा है या नहीं.


ब्रेस्टफीडिंग करवाने वाली औरतें अपने खाने पीने का ध्यान रखें


देबिना कहती हैं कि जो भी माताएं अपने बच्चों के दूध पिलाती हैं वह अपने खाने का ज्यादा से ज्यादा ख्याल रखें. देबिना कहती हैं कि जब दूसरी बेटी के जन्म के बाद जब डॉक्टर को पता चला कि मैं अपनी बेटी को खुद का दूध पिला रही हूं, तो उन्होंने सुझाव दिया कि मैं दो सप्लीमेंट्स - आयरन और कैल्शियम जरूर लूं. क्योंकि यदि आप कैल्शियम नहीं लेती हैं, तो आप बच्चे के लिए जो दूध पैदा कर रही हैं, वह आपकी हड्डियों से कैल्शियम खत्म कर देता है, जिससे आप कमजोर हो जाते हैं और आपके शरीर में कई तरह के मिनरल्स की कमी हो जाएगी.


ब्रेस्ट मिल्क को लेकर क्या है मिथ


देबिना बनर्जी कहती हैं कि ब्रेस्ट मिल्क को लेकर कई तरह के मिथ भी है.  सबसे आम धारणा यह है कि अगर आपको ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाना है तो साबूदाना खाना चाहिए. मैंने अपने डॉक्टर और लैक्टेशन स्पेशलिस्ट से इस मुद्दे पर बात की. उन्होंने कहा वास्तव में ऐसा कुछ नहीं होता है. कुछ चीजें हैं जो सच में ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाता है वह है- जीरा पानी और गोंद के लड्डू, अगर आप बादाम या खजूर से गोंद का लड्डू बना सकती हैं तो वह भी ब्रेस्ट मिल्क बढ़ाने में सहायता करता है. शतावरी (शतावरी रेसमोसस) और गैलेक्ट का भी सेवन किया जा सकता है.


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