Delhi AIIMS Become Cashless: ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज यानी एम्स ने पूरी तरह डिजिटल होने का फैसला किया है. AIIMS के इस निर्णय के बाद 31 मार्च से संस्थान के किसी भी काउंटर पर कोई नकद भुगतान स्वीकार नहीं किया जाएगा. इसी के साथ देश का सबसे बड़ा मेडिकल इंस्टिट्यूट पूरी तरह कैशलेस हो जाएगा. यानि यहां 100 फ़ीसदी डिजिटल भुगतान होगा. पैसे का किसी भी तरह का लेन-देन नहीं किया जाएगा.
कैश पेमेंट बंद
आपको बता दे कि AIIMS ने पिछले साल 1 अप्रैल से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया था और एसबीआई बैंक के सहयोग से एक स्मार्ट कार्ड की सुविधा दी थी. एम्स डायरेक्टर एम श्रीनिवास ने इसे लेकर निर्देश जारी कर दिए हैं. नए निर्देश के मुताबिक यूपीआई, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड के माध्यम से इलेक्ट्रॉनिक भुगतान के अलावा, एम्स स्मार्ट कार्ड, जिसे भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से पायलट आधार पर 1 अप्रैल, 2023 से शुरू किया गया था, भुगतान करने का एकमात्र तरीका होगा.
स्मार्ट कार्ड की मिलेगी सुविधा
इसके अलावा एम्स से ये भी जानकारी दी गई है कि नगद केवल एम्स स्मार्ट कार्ड टॉप अप काउंटरों पर ही स्वीकार किया जाएगा. ये सुविधा ओपीडी, अस्पताल और केंद्रों के अंदर कई स्थानों पर 24 घंटे सातों दिन चालू रहेगी. यानी मरीज़ या उनके अटेंडेंट डेबिट, क्रेडिट कार्ड और UPI के अलावा इस स्मार्ट कार्ड टॉप अप के जरिए भी भुगतान कर सकेंगे.
बिल से छेड़छाड़ के मामलों के बाद लिया फैसला
आपको बता दे कि एम्स के डायरेक्टर प्रोफेसर एम श्रीनिवास ने जो आदेश जारी किया है उसके पीछे एक बड़ा कारण है. दरअसल आउटसोर्स सेवा प्रदाता के अंतिम डिस्चार्ज बिलों में छेड़छाड़ की शिकायत मिलने और अधिक शुल्क वसूलने की बातें सामने आने के बाद ये फैसला लिया गया है. ये भी बताया गया है कि ऐसा होने पर कई मरीजों को आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ा. आदेश में कहा गया है कि अब 100% डिजिटल भुगतान प्रणाली का उपयोग किया जाएगा ताकि बिल के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ ना की जा सके. दिल्ली के किसी भी मरीज को धोखा ना दिया जाए और संस्थान का लेखा-जोखा भी एंड टू एंड ऑडिट योग्य हो सके.
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