नयी दिल्लीः इस बार दिवाली पर पटाखों से प्रदूषण साल 2016 की तुलना में 40 % कम हुआ. एक नए अध्ययन में यह कहा गया है. यह उच्चतम न्यायालय द्वारा पटाखों की बिक्री पर क्षेत्र में लगाए गए प्रतिबंध के आलोक में महत्वपूर्ण है.


‘सफर’ के अध्ययन में कहा गया है कि 2014 की तुलना में दिवाली के दौरान (18-22 अक्तूबर) सबसे कम प्रदूषण रहा. दिवाली के एक दिन बाद सूक्ष्म कणों की मात्रा नहीं बढ़ी लेकिन प्रसार ज्यादा रहा और वायु गुणवत्ता तीन दिनों के भीतर दिवाली पूर्व स्तर पर पहुंच गयी.


वायु गुणवत्ता आकलन करने वाली केंद्र सरकार की एजेंसी सफर ने इस अवधि में राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद उत्सर्जन के स्रोतों, मौसमी स्थिति, वायु की गुणवत्ता के विस्तृत अध्ययन के आधार पर ये नतीजे निकाले.


सफर (वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और रिसर्च प्रणाली) ने जारी अपनी रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2016 में पटाखों से उत्सर्जन की तुलना में गिरावट महत्वपूर्ण रही. दिवाली की रात 19 अक्तूबर को 50%, 20 अक्तूबर को जब प्रदूषण शीर्ष पर था 25% और 21 अक्तूबर को 45% थी.