नयी दिल्ली: दिल्ली में हवा की गुणवत्ता में गिरावट के साथ प्रदूषण का स्तर कल फिर बढ़ गया. निगरानी एजेंसियों ने अगले कुछ दिनों में वायु की गुणवत्ता में और गिरावट आने का अनुमान जताया है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने बताया कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के पैमाने पर 352 रहा. 301 और 400 के बीच वायु की गुणवत्ता को ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रखा जाता है. इस स्थिति में लंबे समय तक रहने पर सांस लेने में तकलीफ की समस्या हो सकती है. राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार का एक्यूआई 322 था. वैज्ञानिकों ने हवा की गति में गिरावट और वायु में नमी में वृद्धि को प्रदूषण में बढ़ोतरी का कारण बताया.
पीएम की मात्रा पूरे दिन बढ़ती रही. सफर की पीएम 2.5 की रीडिंग 194 रही और पीएम 10 की रीडिंग 309 माइक्रो ग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (ug/m3) रही.
जब पीएम 2.5 की रीडिंग 300 ug/m3 से ऊपर और पीएम 10 की रीडिंग 500 ug/m3 को पार कर जाती है तो प्रदूषण को ‘गंभीर से ज्यादा’ या आपात स्थिति में माना जाता है. पीएम 2.5 और पीएम 10 की 24 घंटे की सुरक्षित सीमा 60 और 100 है.
सीपीसीबी की वायु प्रयोगशाला के प्रमुख दीपांकर साहा और सफर के अनुमान के अनुसार, पीएम का स्तर अगले कुछ दिनों में धीरे-धीरे बढ़ेगा.
साहा ने कहा कि शनिवार वायु की गति सात किलोमीटर प्रति घंटे थी जो आज घटकर तीन किलोमीटर प्रति घंटे पर आ गई. वायु की गति में गिरावट और नमी के स्तर में बढ़ोतरी प्रदूषण में वृद्धि का कारण है क्योंकि बिखराव के अभाव में स्थानीय उत्सर्जन से प्रदूषक जमा होते हैं.
सर्दियों में तापमान में गिरावट से प्रदूषक कई मौसमी कारकों की वजह से सतह के निकट फंस जाते हैं. हवा की तेज गति और खिली धूप जैसे कारक कुछ हद तक इसके प्रभाव को कम करते हैं.