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आखिर किस बीमारी से जूझ रहे अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden, रात में क्यों नहीं सो पाते?
Joe Biden : स्लीप एपनिया के मरीज की ब्रीदिंग नॉर्मल करने और अच्छी नींद के लिए इलाज जरूरी है. वजन कम करने से मुंह, जीभ और गर्दन का टिश्यू मास कम है. इससे सांस की नली मपर प्रेशर कम होता है.
Joe Biden : दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को G20 शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. इसमें दुनिया के बड़े पावरफुल देशों के राष्ट्राध्यक्ष और मंत्री शामिल होने जा रहे हैं. इस बैठक में शामिल होने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) भारत आ रहे हैं. उनके साथ उनकी कार और कई चीजें आ रही हैं. इसमें एक मशीन भी है. दरअसल, कुछ दिनों पहले व्हाइट हाउस की तरफ से एक बयान आया था, जिसमें बताया गया था कि जो बाइडेन कई सालों से एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं. इसे मैनेज करने रात में अच्छी नींद के लिए CPAP मशीन का इस्तेमाल करते हैं. जिस बीमारी से जो बाइडेन जूझ रहे हैं, उसका नाम स्लीप एपनिया है. NHLBI के अनुसार, इस बीमारी में सोते समय कई बार सांस रुक जाती है और फिर वापस शुरू होती है.
कितनी खतरनाक है स्लीप एपनिया
स्लीप एपनिया एक स्लीप डिसऑर्डर है. इसमें नींद के दौरान 10 सेकंड या उससे ज्यादा समय तक सांस रूक सकती है. दुनियाभर में करोड़ों लोग स्लीप एपनिया से जूझ रहे हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, 30 साल से लेकर 69 साल के लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया से पीड़ित है. ऑब्सट्रक्टिव का मतलब कमजोर, भारी और रिलैक्स हो चुके सॉफ्ट टिश्यू के कारण सांस की नली बाधित होना. इसमें सांस लेने में परेशानी होती है.
उम्र और स्लीप एपनिया का संबंध
50 साल से ज्यादा उम्र वालों में यह बीमारी आम है. इसमें तालु और गर्दन की मसल्स कमजोर होने लगती है. हालांकि, स्टडी के अनुसार, बुजुर्गों में माइल्ड से लेकर मॉडरेट स्लीप एपनिया तक नजर आता है. इसके गंभीर प्रकार से युवा ज्यादा पीड़ित होते हैं. अगर समय पर इस बीमारी पर ध्यान न दिया जाए तो स्लीप एपनिया से हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, टाइप 2 डायबिटीज, डिप्रेशन और यह जानलेवा भी हो सकता है. इस बीमारी में रात में बार-बार बहुत थोड़ी देर के लिए जागते हैं, जिससे नींद खराब हो सकती है. इसी की वजह से दिन में अत्यधिक नींद आना, जोर से खर्राटे लेना, मुंह सूखना, गले में खराश और सुबह सिरदर्द जैसे लक्षण नजर आते हैं.
स्लीप एपनिया का क्या इलाज है
स्लीप एपनिया के मरीज की ब्रीदिंग नॉर्मल करने और अच्छी नींद के लिए इलाज जरूरी है. वजन कम करने से मुंह, जीभ और गर्दन का टिश्यू मास कम है. इससे सांस की नली मपर प्रेशर कम होता है. कई बार गंभीर मामलों में कुछ मशीन या सर्जरी की आवश्यकता हो सकती है. पोजिशनल थेरेपी, करवट लेने से कुछ मरीजों को आराम मिल सकता है. स्लीप एपनिया का सबसे आम इलाज CPAP यानी कंटीन्यूयस पोजिटिव एयरवे प्रेशर थेरेपी है. इस मशीन में एक नली और मास्क रहता है. जो सांस की नली को खोलता है. नींद के दौरान भी आराम से सांस लेने में मदद कर सकते हैं. अब इतनी एडवांस मशीन आ गई हैं, जिससे सांस लेने का प्रेशर आसानी से सेट कर सकते हैं. सीपीएपी मशीन से स्लीप एपनिया से जुड़ी थकान, हाई बीपी, यौन विकार को कम करने में मदद कर सकता है.
स्लीप एपनिया को कैसे पहचानें
स्लीप एपनिया की पहचान ही सबसे बड़ी परेशानी है. ज्यादातर मरीजों को इसके बारें में पता ही नहीं रहता है. नींद में जोर-जोर से खर्राटे लेना या सांस रूकने से परेशान हैं तो उसे डॉक्टर को दिखना चाहिए. एक अच्छे स्लीप स्पेशयलिस्ट की मदद से इस बीमारी का पता चल सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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