गैस लीक होने पर अपनाएं ये उपाय, दूर होगी आंख और सांस की समस्या!
नई दिल्लीः आज सुबह दिल्ली के तुगलकाबाद में गैस कंटेनर डिपो से गैस रिसाव हुआ जिसकी वजह से पास के गर्ल्स स्कूल की बच्चियां बीमार होने लगी. हवा में कैमिकल गैस फैलने से 310 बच्चियों की तबियत खराब होने लगी. बच्चियों की आंखों में जलन होने लगी तो उन्हें तुरंत हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. अभी सभी बच्चियां ऑब्जर्वेशन में है.
ऐेसे में एबीपी न्यूज़ ने पल्मोनोलॉजिस्ट और आई स्पेशलिस्ट से बात की और जाना की अचानक गैस रिसाव होने पर किन चीजों का ध्यान रखना जरूरी है.
गाजियाबाद, यशोदा हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. के.के.पांडे का कहना है कि सभी तरह की कैमिकल गैस जैसे कार्बन मोनो ऑक्साइड, सल्फरडाई ऑक्साइड इस तरह की गैस जो इंडस्ट्री में इस्तेमाल होती हैं. इनमें से कुछ का तो तुरंत इफेक्ट होता है. जैसे-
- लंग्स में कंजेशन होना
- बेहोशी की हालत होना
- आंखों में जलना होना
गैस जहरीली है या नहीं ये पता लगाएं- ये सभी सिम्टम्स इस बात पर निर्भर करते हैं कि गैस कितनी जहरीली है. अगर ये बहुत जहरीली है तो लंग्स में एब्जॉर्व होकर ब्रेन तक पहुंच सकती है. ऐसे में चक्कर आने लगते हैं. सबसे पहले ये पता होना चाहिए कि गैस कितनी जहरीली है. अगर कैमिकल गैस आसानी से एब्जॉर्व करने वाली है और कम जहरीली है तो इसके तुरंत प्रभाव दिखने लगेंगे.
क्या करें-
- कैमिकल गैस का जहां रिसाव हुआ है उस जगह को तुरंत छोड़ दें. इससे आप जल्दी ही ठीक हो जाएंगे.
- अगर भोपाल गैस ट्रेजडी की तरह बहुत ही खतरनाक और जहरीली गैस है (हालांकि मेट्रो सिटीज या पॉपुलेटिड सिटीज में ऐसी गैसों का अब इस्तेगमाल नहीं होता) तो तुरंत हॉस्पिटल जाएं.
- गैस रिसाव के दौरान चैक किया जाता है कि मरीज का ऑक्सीजन लेवल कम तो नहीं हो रहा है. अगर कार्बनमोनो ऑक्साइड है तो तुरंत ऑक्सीजन दिया जाता है.
- अगर सांस लेने में दिक्कत आ रही है तो इन्हेलर, नेबूलाइजर इस तरह की तुरंत ही इन्हेलर मेडिसिन दी जाती हैं. लंग्स के डिकंजेशन के लिए मेडिसिन दी जाती है.
अस्थमा मरीज है तो क्या करें- आजकल यंग बच्चों में अस्थमा बहुत कॉमन हो गया है. अगर कोई अस्थमा का मरीज गैस रिसाव ट्रेजडी में फंस जाता है तो उनका लंग कंजेशन बहुत जल्दी बढ़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए बहुत जरूरी होता है कि उन्हें हॉस्पिटल में तुरंत एडमिट करें. ऐसे लोगों को नॉर्मल लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. इन्हें नॉर्मल होने में एक से दो दिन तो लगते ही हैं लेकिन गैस रिसाव का इंपेक्ट अधिक हुआ है तो उन्हें नॉर्मल होने में कुछ और भी वक्त लग सकता है.
दिल्ली: तुगलकाबाद में स्कूल के पास गैस रिसाव, तबीयत बिगड़ने पर 310 छात्राएं अस्पताल में भर्ती
कितने टाइम तक बॉडी पर रहता है असर-
- अगर गैस खतरनाक है तो इसका असर एक-दो दिन से लेकर लंबे समय भी रह सकता है.
- ब्लड में, बॉडी में, ब्रेन में कितने लेवल तक गैस पहुंच गई है ये भी डिपेंड करता है कि इसका असर कब तक रहेगा.
- कुछ गैस ऐसी होती हैं जिनका इफेक्ट तुरंत होता है जबकि कुछ का लॉन्ग टर्म तक रहती है.
- डॉ. पांडे का कहना है कि आज जो कैमिकल गैस हवा में फैली है अगर वो बहुत ज्यादा जहरीली नहीं है तो बच्चों को आज शाम तक छुट्टी मिल सकती है. इनमें यदि अस्थमा से पीडित बच्चे भी हैं तो उन्हें एक से दो दिन हॉस्पिटल में रखा जा सकता है.
गैस रिसाव का आंखों पर होता है ये इफेक्ट- एबीपी न्यूज ने दृष्टि आई केयर के डॉ. मनीष से गैस रिसाव के आंखों पर पड़ने वाले इफेक्ट के बारे में बात की. डॉ. का कहना है कि आमतौर पर जितनी भी गैस होती हैं वो इरिटेंट होती हैं. ये आंखों मे इरिटेशन पैदा करती हैं. इससे आंखों में जलन होना, पानी आना जैसी दिक्कतें आने लगती है. ये सबसे कॉमन सिम्टम्स है जो किसी भी गैस लीक होने पर होते हैं. इसके अलावा आंखें लाल होने लगती है. आंखों में चुभन होने लगती है, हर समय ऐसा लगता है कि आंख में कुछ चला गया है.
आंख को कैसे बचाएं इस स्थिति में-
- उस एरिया से दूर हो जाएं.
- तुरंत साफ पीने वाले ठंडे पानी से आंखों को जितना धो सकते हैं धोइए.
- इसके बाद भी आराम ना मिले तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
- अगर आसपास पानी नहीं है तो गीले टॉवल या रूमाल को आंखों पर ढक लें.
- कुछ टीयर सब्सटीट्यूशन आते हैं ये भी जलन को कम करते हैं. लेकिन पानी से बेहतर कुछ नहीं.
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