देश भर में स्प्रिंग फ्लू और सीजनल फ्लू के मामले बढ़ रहे हैं. केंद्र का कहना है कि 'इन्फ्लुएंजा ए वायरस' के कई वैरिएंट के कारण इंफेक्शन फैल रहा है, जो कि H3N2 फ्लू है. इन्फ्लूएंजा ए (H3N2) पूरे देश में प्रकोप जारी है लेकिन दिल्ली में यह कहर बरपा रहा है. इस बीमारी की वजह से पिछले एक महीने में ब्रोन्कियल कफ सिरप, एंटी-एलर्जी दवाओं और पैरासिटामोल दवाओं की खरीद में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
एंटी एलर्जी दवाओं की बिक्री में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी
सीटी के कैमिस्टों के मुताबिक पिछले 45 दिनों में खुदरा काउंटरों पर एंटी एलर्जी दवाओं की बिक्री में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है. वहीं कई दूसरी तरह के कफ सिरप की बिक्री में 25 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. यह फ्लू लोगों में कोरोनावायरस के लक्षणों की नकल भी कर रहा है. मार्च के पहले सप्ताह में दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश और भारत के कई हिस्सों में H3N2 फ्लू के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है. भारत सरकार ने इस पर इन्फ्लूएंजा से खुद को बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है. इन्फ्लुएंजा H3N2 फ्लू के कुछ सबसे आम लक्षणों में बुखार, शरीर में दर्द, लगातार खांसी और सांस की समस्याएं हैं, जो कोविड के लक्षणों से काफी मिलते-जुलते हैं.
रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन केमिस्ट एलायंस
रिटेल डिस्ट्रीब्यूशन केमिस्ट एलायंस (आरडीसीए) के महासचिव बसंत गोयल ने इन दवाओं की बिक्री में इस उछाल की पुष्टि करते हुए कहा कि इस बीमारी के फैलने के बाद से सबसे ज्यादा जिस कफ सिरप की बिक्री हुई है. ज्यादातर कफ सिरप एलर्जिक ब्रोंकाइटिस के लिए थे. फ्लू वायरस के प्रमुख लक्षणों में से एक है लगातार खांसी आना. आरडीसीए के जिला अध्यक्ष दिनेश आर्य ने कहा,'लगातार खांसी से राहत के लिए लोग आयुर्वेदिक कफ सिरप भी खरीद रहे हैं. उन्होंने कहा कि कफ सिरप की बिक्री में 30 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है और एलोपैथिक और आयुर्वेदिक सिरप की बिक्री का अनुपात 70:30 है. उन्होंने कहा कि सूखी खांसी से निपटने के लिए लोग तरह-तरह के कफ सिरप की मांग कर रहे हैं. आरडीसीए के दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के जिला अध्यक्ष संदीप जैन ने कहा कि सूखी खांसी और एलर्जी के लिए दवाओं कि ब्रिकी में बहुत ज्यादा वृद्धि हुई है. हम जो दवा बेंच रहे हैं उसमें से 75 प्रतिशत कफ शिरप है. वह आगे कहते हैं कि खरीदी जा रही गैर-पर्चे वाली दवाओं में लोजेंज, हर्बल सिरप और खांसी के लिए आयुर्वेदिक दवाएं हैं.
ICMR के मुताबिक, H3N2 फ्लू के कारण लंबी बीमारी भी हो सकती है. इसके अलावा, ICMR ने इस साल H3N2 इन्फ्लूएंजा फ्लू से खुद को सुरक्षित रखने के लिए एक महत्वपूर्ण सलाह जारी की है, जिसमें कहा गया है कि व्यक्ति को थोड़े-थोड़े टाइम गैप पर हाथ धोना चाहिए और खुद की साफ सफाई रखना चाहिए. उन्हें कुछ दिनों के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों से भी दूर रहना चाहिए.
हां कुछ ऐसे समूह हैं जिन्हें H3N2 मौसमी फ्लू से ऐसे बचना चाहिए
5 साल से कम आयु के बच्चे
65 साल से अधिक आयु के वयस्क
अस्थमा या सांस की बीमारी के मरीज
न्यूरोलॉजिक और न्यूरोडेवलपमेंट की स्थिति वाले लोग
सिकल सेल एनीमिया जैसे रक्त विकार वाले लोग
पुरानी फेफड़ों की बीमारियों से पीड़ित लोग
जो लोग मोटे होते हैं, उनका बीएमआई 40 से अधिक होता है
दिल, गुर्दे, या यकृत विकार वाले लोग
ICMR ने देश भर में इन्फ्लूएंजा वायरस के प्रसार के संबंध में एक सलाह जारी की है, जिसमें लोगों से भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचने, सार्वजनिक रूप से मास्क पहनने, बार-बार हाथ धोने और होली के मौसम में सभी स्वच्छता उपायों को बनाए रखने का आग्रह किया गया है.