लगातार बढ़ती गर्मी रोजाना पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है और तापमान हर दिन ऐसे मुकाम पर पहुंच जाता है है, जो हर किसी के होश उड़ा रहा है. बुधवार (29 मई) को दिल्ली के मंगेशपुर में तापमान 52.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया. उस वक्त औसत तापमान 45.8 डिग्री था. अब सवाल उठता है कि इतना ज्यादा तापमान होने से इंसानों के शरीर पर क्या फर्क पड़ेगा? इससे क्या-क्या दिक्कतें हो सकती हैं? बढ़ते तापमान से बचने का तरीका क्या है? 


डॉक्टर ने दी यह जानकारी


फेलिक्स अस्पताल के एमडी डॉ. डीके गुप्ता ने बताया कि 52 डिग्री से ज्यादा तापमान इंसानों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. इस वक्त उत्तर भारत में हीट वेव चल रही है. इसके काफी ज्यादा साइड इफेक्ट्स भी हो रहे हैं. हीव वेव की वजह से हीट एग्जॉर्शन और हीट क्रैम्प्स के मामले बढ़ रहे हैं. वहीं, इसकी वजह से सबसे ज्यादा होने वाले हीट स्ट्रोक का खतरा तो कई गुना बढ़ गया है.


इन लोगों को खास ख्याल रखने की जरूरत


डॉ. डीके गुप्ता ने कहा कि लगातार बढ़ते तापमान और हीट वेव से खासकर नवजात, छोटे बच्चों और मांओं को खास ध्यान रखने की जरूरत है. वहीं, प्रेग्नेंट महिलाओं और सीनियर सिटिजंस को तो हद से ज्यादा ध्यान रखना चाहिए. इनके अलावा ऐसे लोगों को भी सावधानी बरती चाहिए, जिन्हें हाइपरटेंशन, डायबिटीज, अस्थमा, सीओपीडी या किडनी आदि से संबंधित बीमारियां हैं. ऐसे लोगों को दिक्कत बढ़ सकती है.


ज्यादा तापमान से क्या होती है दिक्कत?


उन्होंने बताया कि ज्यादा तापमान की वजह से शरीर का थर्मोरेगुलेटरी मैकेनिज्म डिसबैलेंस हो जाता है और उसका रेगुलेशन खराब हो जाता है. ऐसे में शरीर टेम्प्रेचर को मेंटेन नहीं कर पाती है, जिसके चलते हाई ग्रेड फीवर यानी 104 से 107 डिग्री फॉरेनहाइट तक बुखार आ सकता है. ऐसे में सीजर्स बढ़ सकते हैं. डिसऑरिएंटेशन हो सकता है. इंसान कोमा या कंफ्यूजन में जा सकता है और यहां तक कि मौत भी हो सकती है. 


बढ़ते तापमान से खुद को कैसे बचाएं?


डॉ. डीके गुप्ता के मुताबिक, इस वक्त हीट स्ट्रोक से बचना बेहद जरूरी है. अपनी सेहत का खास ख्याल रखें. खूब सारा पानी पिएं. खूब सारे लिक्विड यानी तरल पदार्थों का सेवन करें. वहीं, जब तक जरूरी न हो, तब तक बाहर न निकलें, क्योंकि इस वक्त हेल्थ इमरजेंसी चल रही है. बाहर का तापमान हमारे शरीर के लिए बिल्कुल भी अनुकूल नहीं है. अगर किसी जरूरी काम से बाहर जाना ही है तो कोशिश करें कि सुबह 10 बजे से पहले और शाम छह बजे के बाद बाहर जाएं. अगर दोपहर में जाना ही पड़ रहा है तो छाता, गॉगल, कैप-हैट आदि जरूर पहनें और सनस्क्रीन लगाकर जाएं. सारा काम एक ही बार में निपटाने की कोशिश न करें. इसे ब्रेक लेकर ही करें, क्योंकि तेज धूप आपको नुकसान पहुंचा सकती है.


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