What Is Dementia: भूलने की एक ऐसी बीमारी का नाम डिमेंशिया (Dementia) है, जिसे ठीक करने के लिए आज का विज्ञान भी बहुत कुछ नहीं कर सकता. एक सीमा के बाद इस बीमारी से ग्रसित मरीज को चीजें याद रहना मुश्किल हो जाता है. यहां तक कि वो अपनी खुद की पहचान तक भूल सकता है (Forgetfullness). जिस भी परिवार में डिमेंशिया से पीड़ित मरीज होता है, वह पूरा परिवार (Family) परेशान रहता है. क्योंकि यह बीमारी (Disease) एक अनजाना-डर फैमिली में भर देती है. अपने प्रियजन के कहीं भी खो जाने का डर.
इसलिए बेहतर यही होता है कि बढ़ती उम्र (Growing Age) के साथ हमें अपने दैनिक जीवन में कुछ ऐसी आदतों को शामिल कर लेना चाहिए, जो डिमेंशिया (Memory loss) के खतरे से बचाने में कारगर हों. यहां इस आर्टिकल में ऐसे ही कुछ आसान टिप्स बताए गए हैं...
क्यों होता है डिमेंशिया?
डिमेंशिया का रोग मस्तिष्क की कोशिकाओं के बीच आपसी जुड़ाव में गड़बड़ी, किसी चोट के कारण मस्तिष्क की कोशिकाओं के क्षतिग्रस्त होने या फिर बढ़ती उम्र के कारण दिमाग की नसों में स्निग्धता की कमी के कारण होता है. हर व्यक्ति में इसका असर अलग स्तर पर दिखाई दे सकता है. क्योंकि इस रोग का असर इस बात पर निर्भर करता है कि मस्तिष्क का कौन-सा हिस्सा प्रभावित हुआ है और कितना प्रभावित हुआ है.
डिमेंशिया से बचने के लिए क्या करें?
- भूलने की बीमारी मस्तिष्क से संबंधित होती हैं तो इसका पहला और साफ संकेत है कि आप अपने ब्रेन को पूरा आराम दें. बढ़ती उम्र के साथ नींद जरूर कम होने लगती है लेकिन आप खुद को शारीरिक रूप से हर दिन ऐक्टिव रखें ताकि नींद सही मात्रा में आए. जब नींद ठीक होगी तो दिमाग भी शांत रहेगा.
- डिमेंशिया से बचने का दूसरा बहुत प्रभावी और आसान तरीका है कि आप ऐसे गेम्स खेलें जिनमें दिमाग का अधिक उपयोग होता है. परिवार के बच्चों के साथ खुद को व्यस्त रखें. उनकी बातें सुनें, उन्हें अपने अनुभवों की कहानियां सुनाएं.
- सामाजिक दायरा बढ़ाएं और इसे बनाए रखें. डिमेंशिया से बचने के लिए जरूरी है कि आप खुद को अकेला ना पड़ने दें. इसके लिए अपने दोस्तों, परिवार, रिश्तेदारों के साथ समय बिताएं. कोई क्लब जॉइन कर लें. या योग और मेडिटेश सेंटर भी जॉइन कर सकते हैं.
- संगीत सुनने के फायदे तो आपने बहुत पढ़े होंगे. लेकिन संगीत बनाने के फायदे ये हैं कि आपका ब्रेन ऐक्टिव रहता है. इसलिए बढ़ती उम्र में ब्रेन को ऐक्टिव रखने के लिए आप कोई वाद्य यंत्र बजाना सीखें. फिर चाहे ये ढोलक हो, बांसुरी या हॉर्मोनियम जैसा कुछ भी.
- सांस संबंधी एक्सर्साइज भी मस्तिष्क (Brain) को ऐक्टिव और स्वस्थ (Health) रखती हैं. इसलिए योग (Yog) और मेडिटेशन (Meditation) के साथ ही प्राणायाम को अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लें और हर दिन इन सबके लिए समय जरूर निकालें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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