Dementia: एक नए अध्ययन में पाया गया है कि जीवन भर सिर पर तीन बार चोट लगना डिमेंशिया का खतरा बढ सकता है. ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने 50 और उससे अधिक उम्र के 15,000 लोगों पर अध्ययन किया. उन्होंने पाया कि कन्कशन बाद के जीवन में मस्तिष्क की कम शक्ति से जुड़ा हुआ है. यह उन लोगों के लिए और भी बुरा था, जिन्हें सिर पर तीन हल्के या मध्यम झटके लगे थे, या केवल एक गंभीर झटका लगा था. इन दुर्घटनाओं में गिरने पर आपके सिर पर चोट लगना, फ़ुटबॉल जैसी खेल संबंधी झड़प या कार दुर्घटना शामिल है.
डिमेंशिया का खतरा
अध्ययन लेखक डॉ वैनेसा रेमोंट ने कहा, "जितनी बार आप जीवन में अपने मस्तिष्क को चोट पहुंचाते हैं, उतना ही खराब मस्तिष्क का कार्य आपके उम्र के रूप में हो सकता है," हम जानते हैं कि सिर की चोटें डिमेंशिया के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक हैं. हुत से छोटे प्रभाव भी बाद के जीवन में मस्तिष्क क्षति और डिमेंशिया जोखिम को ट्रिगर कर सकते हैं. ऑक्सफोर्ड अध्ययन ने 15,000 लोगों (50 से 90 वर्ष की आयु) से पूछा कि उन्हें सिर में कितनी चोटें लगी हैं. शोधकर्ताओं ने तब उनके मस्तिष्क परीक्षण स्कोर की तुलना की.
परिणामों से पता चला कि जिन लोगों ने अधिक प्रभावों की सूचना दी, उनके स्कोर काफी खराब थे.
सिर को चोट लगने से बचाएं
शोधकर्ताओं ने पाया कि दिमाग से ध्यान देने की अवधि कम हो सकती है और प्रतिक्रिया की गति धीमी हो सकती है। जिन लोगों के सिर में कई चोटें थीं, वे भी जटिल सोच वाले कार्यों को पूरा करने में कम सक्षम थे. एक्सेटर यूनिवर्सिटी के सह-लेखक डॉ हेलेन ब्रूकर ने कहा: "हम सीख रहे हैं कि जीवन की घटनाएं जो महत्वहीन लग सकती हैं, मस्तिष्क पर प्रभाव डाल सकती हैं. हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि दर्दनाक मस्तिष्क की चोट सिर पर प्रभाव से होती है जो मस्तिष्क के सामान्य कार्य को बाधित करती है. एनएचएस यूके के अनुसार, आपको दिमाग में चोट लगने के बाद दर्द का अनुभव होने के बाद डॉक्टर के पास जाना चाहिए, खासकर अगर आपको उल्टी, या सिरदर्द जैसे लक्षणों का अनुभव होता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.