Dementia Symptoms: डिमेंशिया का मीठा खाने से सीधा है कनेक्शन, ये बातें जरूर नोटिस करें
डिमेंशिया ब्रेन का डिसआर्डर है. इसमें व्यक्ति हर दिन एक्टिविटीज भी भूलने लगता है. मसलन खाना, पीना, किसी जगह जाने समेत अन्य डेली एक्टिविटीज को याद रखने में भी परेशानी होने लगती है.
Dementia Treatment: डिमेंशिया आपकी मैमोरी, सोच और डेली एक्टिविटीज को प्रभावित करता है. कई बार स्थिति बेहद गंभीर हो जाती है. पेशेंट का जीना मुश्किल हो जाता है. डॉक्टरों का कहना है कि मनोभ्रंश के सबसे आम प्रकारों में से एक अल्जाइमर रोग है. शुरू में यह रोग मैमोरी लॉस जैसी स्थिति से ही जुड़ा हो सकता है. फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया के अन्य संकेत हो सकते हैं. इसके बारे में जानकारी होना भी जरूरी है. मीठा खाने का बहुत अधिक मन रहा है तो भी आपको सतर्क होना जरूरी है. यह दिमाग की गंभीर बीमारी डिमेंशिया का इंडीकेशन हो सकता है.
क्या है फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया
चौरिटी डिमेंशिया यूके के अनुसार, फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया से प्रभावित ब्रेन का एक हिस्सा पर्सनेलिटी, व्यवहार और भाषण के लिए जिम्मेदार होते है. फ्रंटोटेम्पोरल डिसऑर्डर या फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया, मस्तिष्क के फ्रंटल और टेम्पोरल लोब में न्यूरॉन्स को नुकसान के होने के बाद होता है. यह आमतौर पर 40 से 60 वर्ष की उम्र के लोगों को अधिक होता है. फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया दो प्रकार के होते हैं. पहला फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया बिहेवियरल वेरिएंट (बीवीएफटीडी) और दूसरा प्राथमिक प्रगतिशील वाचाघात (पीपीए).
मीठा खाने का अधिक मन है तो अलर्ट हो जाएं
यूएस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, बिहेवियरल-वैरिएंट फ्रंटोटेम्पोरल डिमेंशिया (बीवीएफटीडी) पर्सनेलिटी डिसआर्डर भी पैदा करता है. इस रोग में भोजन या कोई पेय पदार्थ खाने के व्यवहार में बदलाव भी देखने को मिल सकता है. मीठे खाद्य पदार्थों को खाने का मन अधिक करना. इसके अलावा अधिक भोजन करना या अधिक शराब तक पी सकते हैं. यदि ये लक्षण विकसित हो रहे हैं तो अलर्ट होने की जरूरत है.
ये लक्षण भी दिखते हैं
यह रोग बिहेवियर के अलावा लेंग्यूएज को भी प्रभावित करता है. इसके लक्षणों की बात करें तो शब्दों को याद रखने, खोजने या समझने में कठिनाई हो सकती है. शब्दावली का धीरे-धीरे नुकसान और भूल जाना कि सामान्य वस्तुएं क्या हैं और वे क्या करती हैं. जैसे केतली, टोस्टर, चाबियां किस काम के लिए होती हैं. वाक्य बनाने और शब्दों का प्रयोग करने में कठिनाई हो सकती हैं. शब्दों को ढूंढने में यह भूल जाना कि पहले क्या बोल रहे थे. डॉक्टरों का कहना है कि डिमेंशिया का कोई इलाज नहीं है. लेकिन लक्षणों को देखकरपेशेंट को कुछ एंटीडिप्रेशेंट व अन्य दवाएं दी जा सकती हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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