नई दिल्ली: केंद्र और राज्य सरकार के स्तर से मच्छरों की वजह से होने वाले बुखार को रोकने के लिए की जा रही कोशिशों का असर दिख रहा है. सरकार की कोशिशों का असर मलेरिया पर काबू करने में दिख रहा है, लेकिन डेंगू और चिकुनगुनिया साल दर साल भयंकर रूप लेते जा रहे हैं.


केंद्र सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आंकड़े के अनुसार पिछले तीन साल के दौरान मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मौतों की संख्या में अमूमन कमी देखी गई है, लेकिन डेंगू और चिकनगुनिया के मामलों और इससे होने वाली मौत की संख्या में तेज बढ़ोतरी हुई है.


लोकसभा के कुछ सदस्यों की ओर से पूछे प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने जो आंकड़ा पेश किया उसके मुताबिक साल 2014 में देश भर में मलेरिया के 11,02205 मामले सामने आए थे जो साल 2016 में घटकर 10,5905 हो गए. हालांकि साल 2015 में यह संख्या बढ़कर 11,69261 हो गई थी.


मलेरिया से हुई मौत के राष्ट्रीय आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि इसमें कमी आती गई है. साल 2014 में मलेरिया से 562 मौत हुई तो साल 2015 में 384 और 2016 में 242 मौतें हुईं. दूसरी तरफ डेंगू के मामलों में स्थिति इसके बिल्कुल उलट है. साल 2014 में देश भर में डेंगू के 40 हजार पांच सौ इक्हत्तर मामले दर्ज किए गए थे जो 2015 में बढ़कर 99 हजार नौ सौ तेरह हो गए. साल 2016 में डेंगू के 11,4812 मामले सामने आए.


साल 2014 में डेंगू से 137 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन 2015 में यह आंकड़ा बढ़कर 220 हो गया. साल 2016 में देश भर में डेंगू से 229 लोगों की जान गई. वहीं साल 2014 में चिकनगुनिया के 16,049 मामले दर्ज किए गए जो साल 2015 में बढ़कर 27,553 मामले हो गए है. साल 2016 में चिकनगुनिया के 62,631 मामले सामने आए थे.