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बढ़ने लगा है मच्छरों का प्रकोप, डेंगू से बचाव के लिए जान लें इसके प्रारंभिक लक्षण
मच्छरों की संख्या अचानक से बढ़ गई है और अब एक बार फिर डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का डर सताने लगा है. इनसे बचने के लिए बचाव के साथ ही उपचार और प्रारंभिक लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है.
गर्मी बढ़ने के साथ ही मच्छरों का प्रकोप भी बढ़ने लगा है. अब सिर्फ रात में ही नहीं बल्कि दिन के समय भी मच्छर घर में मंडराते हुए नजर आ जाते हैं. इन मच्छरों से अपना और अपने परिवार का बचाव बहुत जरूरी है क्योंकि ये अपने साथ मलेरिया और डेंगू जैसी भयानक बीमारियां लेकर आते हैं. हालांकि आमतौर पर ये बीमारियां बरसात के दौरान होती हैं लेकिन मच्छरों के प्रकोप के कारण गर्मी के सीजन में भी इन बीमारियों के केस बढ़ने लगते हैं.
ऐसे फैलता है डेंगू
- डेंगू के वायरस को एक व्यक्ति के शरीर से दूसरे शरीर में जाने के लिए हमेशा ही एक माध्यम की जरूरत होती है और मच्छर खुद माध्यम बनकर इस कमी को पूरा करते हैं.
- जब कोई मच्छर किसी डेंगू ग्रसित व्यक्ति को काट लेता है और फिर वहीं मच्छर जाकर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटे तो मच्छर के द्वारा डेंगू का वायरस बीमार मरीज के शरीर से स्वस्थ मरीज के शरीर में प्रवेश कर जाता है और इसी तरह इस बीमारी का संक्रमण बढ़ता चला जाता है.
डेंगू वायरस का असर
- डेंगू वायरस से संक्रमित व्यक्ति के शरीर में इस बीमारी के लक्षण 3 से 14 दिन के अंदर दिखने शुरू होते हैं. ज्यादातर लोगों में बीमारी के लक्षण संक्रमण होने के 4 से 7 दिनों के अंदर दिखने शुरू हो जाते हैं.
- डेंगू को हड्डी तोड़ बुखार भी कहा जाता है क्योंकि इस फीवर में व्यक्ति की बोन्स बहुत ही कमजोर हो जाती हैं. इस फीवर के दौरान हड्डियों में तेज दर्द होता है और जोड़ों में दर्द के कारण जान निकली रहती है.
डेंगू के प्रारंभिक लक्षण
- डेंगू का वायरस एक बार खून में फैल जाए तो फिर जोड़ों में दर्द शुरू होने के साथ ही बुखार बहुत तेज होने लगता है और 104 डिग्री तक पहुंच जाता है. ये लक्षण सिर्फ 1 से 10 घंटे के अंदर दिखने लगते हैं.
- ब्लड प्रेशर कम होने लगता है और हार्ट बीट्स यानी धड़कनें भी कम होने लगती हैं.
- तेज दर्द के साथ ही आंखें लाल दिखने लगती हैं.
- भूख नहीं लगती है या बहुत कम हो जाती है.
- सिर में दर्द रहता है.
- ठंड लगती है और बुखार चढ़ता है. ये सभी डेंगू के प्रारंभिक लक्षण हैं, जो बीमारी के पहले चरण के दौरान नजर आते हैं. आमतौर पर ये लक्षण 1 से 4 दिन तक नजर आते हैं.
डेंगू का दूसरा फेज
- डेंगू के दूसरे चरण में व्यक्ति के शरीर का तापमान सामान्य हो जाता है.
- पसीना आने के साथ बुखार उतर जाता है और व्यक्ति खुद के बेहतर महसूस करता है. हालांकि इस आराम की अवधि केवल एक दिन होती है और इसके बाद डेंगू का तीसरा चरण शुरू हो जाता है.
डेंगू का तीसरा चरण
- अपने थर्ड फेज में डेंगू पहले चरण से कहीं अधिक खतरनाक हो जाता है और मरीज के शरीर का तापमान बहुत तेजी से बढ़ने लगता है.
- रोगी के पूरे शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं.
- बहुत अधिक कमजोरी महसूस होती है.
- दर्द के कारण शरीर टूटा हुआ सा लगता है और ऊर्जा का अभाव महसूस होता है.
डेंगू का घरेलू उपचार
डेंगू एक खतरनाक और जानलेवा बुखार है. इसलिए हम आपको यही सुझाव देंगे कि आप अपने डॉक्टर से ही इस बीमारी का इलाज कराएं. हालांकि साथ में आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना सकते हैं. वैसे, कहा जाता है कि डेंगू का सबसे बेहतर इलाज आयुर्वेद में मिलता है, जो बीमारी दूर करने के साथ ही शरीर की कमजोरी को भी दूर करता चलता है. अन्यथा इस बीमारी के बाद रोगी को पूरी तरह स्वस्थ और ऊर्जावान होने में कई महीने का समय लग सकता है.
- नीम के पत्तों का रस
- गिलोय का रस
- तुलसी का अर्क
- पपीते के पत्तों का जूस
- संतरा
- जौ का पानी, इत्यादि चीजों का सेवन करके आप डेंगू के वायरस को जल्दी खत्म कर सकते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या कम होने से भी रोक सकते हैं. हालांकि इन सभी चीजों का सेवन आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में ही करें तो बेहतर होगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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