नई दिल्लीः सितंबर में बारिश बढ़ने से देशभर में वायरल इंफेक्शन बढ़ रहे हैं. इनमें कुछ प्रमुख शहरों दिल्ली–एनसीआर, बेग्लुरू और मुंबई में वायरल इंफेक्शन बहुत देखने को मिल रहा है. यूं भी बारिश के मौसम में वायरल इंफेक्शन और मच्छर जनित बीमारियां बहुत बढ़ जाती हैं.
बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा होता है डेंगू. लेकिन अच्छी बात ये है कि इससे आसानी से बचा जा सकता है. आज हम आपको डेंगू के लक्षणों और इनसे बचने के घरेलू नुस्खों के बारे में जानकारी देंगे.
क्या है डेंगू-
डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है जो एडीस एजिप्टी मच्छर के कारण फैलता है. ये वायरल मादा मच्छर द्वारा इंफेक्टिड रोगी को काटने के बाद स्वस्थ व्यक्ति को काटने से फैलता है. ये मच्छर अपने पैरों पर सफेद धब्बों के कारण अलग-अलग होते हैं. दुनिया भर में 3.9 अरब लोगों को डेंगू होने का खतरा है.
डेंगू के लक्षण-
- अचानक तेज बुखार होना
- सिरदर्द
- मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द
- चकत्ते
- आंखों में दर्द
- पेट दर्द
- दस्त
- उल्टी
डेंगू का इलाज-
डेंगू के इलाज के लिए कुछ विशेष मेडिसिन नहीं है. अगर आपको लगता है कि आपको डेंगू फीवर है तो आपको पेनकिलर्स लेने चाहिए. इसके अलावा एस्पिरन को नहीं लेना चाहिए. इससे आपको ब्लीडिंग शुरू हो सकती है.
- आपको पूरा आराम करना चाहिए.
- खूब तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए.
- अपने डॉक्टर को दिखाएं.
- अगर बुखार उतरने के बाद भी 24 घंटे के अंदर आपकी हालत बिगड़ती है तो तुंरत हॉस्पिटल में इमरजेंसी में जाएं.
डेंगू इलाज के लिए घरेलू नुस्खे-
पपीते की पत्तियां:
50 ग्राम पपीते के रस कस 3 दिनों के लिए नाश्ते के 15 मिनट बाद सेवन करें. ध्यान दें, यदि आप गर्भवती हैं, स्तनपान करवाती हैं या गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं तो पपीते के पत्तों के रस का सेवन ना करें.
नीम:
दिन में दो बार नीम के रस का सेवन करें. या सुबह 5 से 8 नीम के पत्तों को खाएं.
तुलसी की चाय:
आप डेंगू से बचने के लिए ताजे तुलसी के पत्ते का सेवन कर सकते हैं. आप इन औषधीय पत्तियों का उपयोग चाय के दौरान भी कर सकते हैं. जब तक पानी आधे से कम नहीं हो जाता तब तक लगभग 200 मिली पानी पानी में 15 पत्तियों को मिलाकर उबाल लें. एक दिन में दो बार या तीन बार तुलसी की चाय लें.
तवा तवा हर्ब:
जड़ी-बूटियों से बने तवा तवा पौधे से चाय बनाकर एक गिलास दिन में 3 से 4 बार पीएं. तवा तवा चाय तैयार करने के लिए, 5 तवा तवा पौधों को ले लो और उनकी जड़ों का काटे दें. पौधों को ठीक से धो लें और उन्हें साफ पानी में उबालें. चाय पीने से पहले उसे ठंडी कर लें.
नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.