डेंगू (Dengue) मादा मच्छर (एडीज एजिप्टी) के काटने से फैलता है. मच्छर तब संक्रमित होता है जब वह वायरस से संक्रमित व्यक्ति का खून पीता है. लगभग एक सप्ताह के बाद मच्छर फिर एक स्वस्थ व्यक्ति को काटकर वायरस फैला सकता है. मौसम बदलते ही हर तरफ डेंगू का कहर फैलता है. हेल्थ एक्सपर्ट भी लोगों को डेंगू के बुखार से सावधान रहने की सलाह देते हैं. डेंगू साफ, गंदा हर तरह के वातावरण में रह जाता है. ऐसा नहीं है कि डेंगू सिर्फ गंदगी में ही पनपता है.
डेंगू का बुखार चार तरह का होता है
डेंगू बुखार चार प्रकार के डेंगू वायरस में से किसी एक के कारण होता है. आपको संक्रमित व्यक्ति के आस-पास रहने से डेंगू बुखार नहीं हो सकता. इसके बजाय, डेंगू बुखार मच्छरों के काटने से फैलता है. दो प्रकार के मच्छर जो अक्सर डेंगू वायरस फैलाते हैं, जो घर के आसपास और मोहल्ले में भी फैल सकते हैं.
मच्छर ही नहीं डेंगू से बचने के लिए क्या-क्या करें
- मच्छरदानी लगाकर ही सोएं.
- घर या आसपास पानी जमा होने से रोकें
- कूलर का पानी हर दिन बदलते रहें.
- पूरी बाजू के कपड़े पहनकर ही कहीं निकलें.
- पानी की टंकी को ढककर ही रखें.
- कीटनाशक और लार्वानाशक दवाईयों का इस्तेमाल करें.
- हेल्दी खानपान और लाइफस्टाइल अपनाएं.
- शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हर उचित कदम उठाएं.
डेंगू का इलाज कैसे करें
- डेंगू बुखार के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए.
- डॉक्टर ज्यादा से ज्यादा पानी और नारियल पानी पीने की सलाह दे सकते हैं.
- खाने में कीवी, पपीता, चुकंदर, अनार और हरी सब्जियां शामिल करें.
- जितना हो सके उतना शरीर को आराम दें.
- डेंगू के गंभीर मामलों में ब्लड, प्लेटलेट ट्रांसफ्यूजन या ऑक्सीजन थेरेपी दी जा सकती है.
डेंगू बुखार के ऑर्गन का नुकसान भी हो सकता है
गंभीर डेंगू बुखार से आंतरिक ब्लड सर्कुलेशन और ऑर्गन नुकसान हो सकती है. रक्तचाप खतरनाक स्तर तक गिर सकता है. जिससे सदमा लग सकता है. कुछ मामलों में गंभीर डेंगू बुखार से मृत्यु भी हो सकती है. गर्भावस्था के दौरान डेंगू बुखार से पीड़ित महिलाएं प्रसव के दौरान बच्चे को वायरस फैला सकती हैं. इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान डेंगू बुखार से पीड़ित महिलाओं के बच्चों में समय से पहले जन्म, कम वजन या भ्रूण संकट का जोखिम अधिक होता है.
डेंगू बुखार के कारण तेज बुखार होता है - 104 F (40 C) और निम्नलिखित में से कोई भी संकेत और लक्षण दिखाई देते हैं
- सिरदर्द
- मांसपेशियों, हड्डियों या जोड़ों में दर्द
- मतली
- उल्टी
- आंखों के पीछे दर्द
- सूजे हुए ग्लैंड
- चकत्ते
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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