आम तौर पर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर ज्यादा सचेत नहीं रहते और जरूरत पड़ने पर ही इस ओर ध्यान देते हैं. इसमें भी शरीर के सबसे अहम हिस्सों में से एक है दांत, जिस पर तो ध्यान नाम मात्र ही दिया जाता है, बशर्ते- दांत दर्द न हो. अक्सर लोग कुछ महीनों में अपना फुल बॉडी चेकअप करवाते रहते हैं, लेकिन इसमें भी दांत की जांच पर ध्यान नहीं दिया जाता, जो कि घातक साबित हो सकता है.


डॉक्टरों का मानना है कि जिस तरह हम शरीर के अन्य हिस्सों की स्थिति की जांच के लिए विशेषज्ञों के पास जाते हैं, उसी तरह हमें अपने दांतों की जांच को भी अहमियत देनी चाहिए, क्योंकि शरीर के अंदर जाने वाली बहुत से पदार्थ, इससे होकर गुजरते हैं.


दांतों-मसूड़ों में जमा बैक्टीरिया पहुंचा सकते हैं नुकसान


अक्सर यह मान लिया जाता है कि रोजाना टूथब्रश और टूथपेस्ट से दांतों की सफाई करने भर से ही दांत साफ और सुरक्षित हो जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. डॉक्टर बताते हैं कि इसके बावजूद भी दांतों और मसूड़ों के बीच में प्लाक जम जाती है और साथ ही खतरनाक बैक्टीरिया भी जमने लगते हैं. इससे Gingivitis जैसी बीमारी होती है, जो आगे चलकर और नुकसान पहुंचा सकती है.


इसके साथ ही बैक्टीरिया ढेर जमने के कारण अगर मुंह के अंदर किसी भी तरह की खरोंच या कट लगता है, तो उसके जरिए बैक्टीरिया शरीर के अंदर खून के प्रवाह का हिस्सा बन सकते हैं.


इतना ही नहीं, अगर किसी भी बीमारी के कारण आपका इम्यून सिस्टम थोड़ा सा भी कमजोर है, तो इन बैक्टीरिया के खून में घुसने से आपके शरीर के किसी भी हिस्से तक आसानी से संक्रमण पहुंच सकता है, जो घातक साबित होता है.


इसके अलावा भी कई बीमारियों की शुरुआत दांतों की खराब स्थिति के कारण होती है. इसलिए डॉक्टरों का मानना है कि किसी भी शख्स को कम से कम 3 महीने में एक बार अपने डेंटिस्ट के पास जाकर दांतों की जांच करवानी चाहिए.


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