Health Tips: अगर हमें हेल्दी रहना है तो फिज़िकली फिट रहने के साथ-साथ मेंटली फिट होना भी बहुत जरूरी है. लगातार बिगड़ रही लाइफस्टाइल और बढ़ता वर्क प्रेशर हर उम्र के लोगों को मेंटल स्ट्रेस से गुजरने पर मजबूर कर रहा है. यही वजह है कि लोग एंजाइटी डिप्रेशन जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. पर अगर आप यह सोच रहे हैं कि यह कंडीशन सिर्फ आपके मेंटल फिटनेस को नुकसान पहुंचा रही है तो यह बिल्कुल गलत सोच है. दरअसल डिप्रेशन और एंजाइटी कई नई बीमारियों को जन्म दे सकता. हाल ही में जॉन्स हॉपकिन्स मेडिसिन में एक स्टडी की गई जिसमें सामने आया कि जो लोग डिप्रेशन से जूझ रहे होते हैं, उनमें दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. रिसर्चर्स ने यह रिजल्ट 18 से 49 वर्ष के लगभग आधा मिलियन लोगों पर रिसर्च करने के बाद निकाला है.  चलिए जानते हैं आखिर क्या कहती है स्टडी. 

 

 हार्ड और डिप्रेशन आपस में कैसे हैं कनेक्टेड 

स्टडी के दौरान सीनियर ऑथर और जॉन्स हॉपकिन्स में मेडिसिन की प्रोफेसर डॉ. गरिमा शर्मा कहती हैं कि जब आप स्ट्रेस्ड, एनसियस या  डिप्रेसिंग फील करते हैं तो आपका हार्ट रेट और ब्लड प्रेशर अपने आप बढ़ जाता है.  इसके अलावा जो लोग अकेला या फिर लो फील करते हैं वह धीरे-धीरे गलत लाइफस्टाइल का चुनाव करने लग जाते हैं.  जैसे डिप्रेशन या एंड राइटिंग में ज्यादातर लोग स्मोकिंग ड्रिंकिंग कम सोना और फिजिकली कम एक्टिव होने जैसी आदतों में ढल जाते हैं. यही आदतें बीमारियों को घर करने का मौका देती हैं.

 

 क्या कहती है स्टडी

रिसर्चर्स ने बिहेवियरल रिस्क फैक्टर सर्विलेंस सिस्टम के तहत 593,616 वयस्कों पर सर्वे किया. सर्वे में लोगों से सवाल पूछा गया कि, 

 

क्या उन्हें कभी बताया गया है कि उन्हें डिप्रेशिव डिसऑर्डर है.

पिछले महीने में उन्होंने कितने दिनों तक खराब मेंटल हेल्थ का एक्सपीरियंस किया.

क्या उन्हें दिल का दौरा, स्ट्रोक या सीने में दर्द का अनुभव हुआ था.

क्या उन्हें हृदय रोग के कोई जोखिम वाले सिम्पटम्स थे.

 

 स्टडी का क्या निकला रिजल्ट ?

रिसर्चर्स  ने पाया कि जिन लोगों ने कई दिनों तक खुद को उदास महसूस किया, उनमें हार्ट डिजीज  की शुरुआत नजर आई.  जिन पार्टिसिपेंट्स ने 13 खराब मेंटल हेल्थ डे की सूचना दी थी, उनमें  हार्ट डिसीज के चांसेस 1.5 गुना अधिक थे.  वहीं 14 या अधिक दिनों के खराब मेंटल हेल्थ वाले लोगों में ह्रदय रोग होने की संभावना दोगुनी थी.

 

रिसर्च का रिजल्ट 

 इस रिसर्च काजू कन्फ्यूजन सामने आया वह लोगों के लिए किसी नसीहत या सलाह से कम नहीं है. स्टडी में  बताया गया कि सबसे पहले तो लोगों को अपनी मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना चाहिए. लेकिन अगर किसी भी तरह का मेंटल स्ट्रेस हो रहा है तो उसे ठीक करते हुए अपने हाथ की स्क्रीनिंग जरूर करवानी चाहिए. इससे ओवरऑल हेल्थ सुधर सकती है.

 

 यह भी पढ़ें