नई दिल्लीः हाल ही आई रिसर्च के मुताबिक, लंबे समय तक डिप्रेशन में रहने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है. यही नहीं इससे और भी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. चलिए जानते हैं रिसर्च के मुताबिक, कैसे डिप्रेशन आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है.
क्या कहती है रिसर्च-
पिछले दो दशकों में की गई रिसर्च से ये पता चला है कि डिप्रेशन और हार्ट डिजीज दोनों सामान्य साथी हैं और सबसे खराब बात ये है कि दोनों ही एक-दूसरे के लिए खतरनाक है. अगर आपको डिप्रेशन है तो हार्ट अटैक होने की आशंका दुगुनी हो जाती है. वहीं यदि आपको हार्ट अटैक आ चुका है तो आप डिप्रेशन में जा सकते हैं.
रिसर्च में पाया गया कि डिप्रेशन हार्ट डिजीज़ के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है और यही नहीं इससे हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर भी बढ़ सकता है.
रिसर्च के नतीजे-
बाल्टीमोर में हुई स्टडी से यह पता चला है कि डिप्रेशन की वजह से 1,551 लोग जिन्हें किसी प्रकार की हार्ट प्रॉब्लम नहीं थी अब उनमें हार्ट अटैक पड़ने की आशंका 4 गुणा अधिक बढ़ चुकी थी. रिसर्च में ये भी देखा गया कि यदि इन लोगों को डिप्रेशन नहीं होता तो आने वाले 14 साल तक उन्हें हार्ट अटैक नहीं हो सकता था. कनाडा के शोधकर्ताओं ने भी पाया कि दिल के रोगी जो उदास थे, उनमें आने वाले 6 महीनों में मौत की आशंका भी 4 गुना बढ़ गई थी, बजाय उन लोगों के जो डिप्रेस नहीं थे.
डिप्रेशन के लक्षण-
ऐसे में ये जानना जरूरी है कि डिप्रेशन के लक्षणों को कैसे पहचानें जिससे समय रहते उसका इलाज करवाया जा सके. ये हैं डिप्रेशन के कुछ प्रमुख लक्षण -
- चिड़चिड़ापन होने लगता है.
- किसी भी काम में ध्यान लगाने या निर्णय लेने में परेशानी होती होने लगती है.
- हर समय थकान महसूस होती है या फिर शरीर में ऊर्जा नहीं रहती.
- नींद नहीं आती या बहुत ज़्यादा नींद आने लगती है.
- भूख नहीं लगती.
- आत्महत्या करने का ख्याल बार-बार मन में आने लगता है.
- चीजें रखकर भूलने लगते हैं या बातें भूल जाते हैं.
- डिप्रेशन के दौरान लोग अपनी सेहत का ख़्याल नहीं रखते.
- डिप्रेस लोग ज़्यादा धूम्रपान करने या शराब पीना शुरू कर देते हैं जिससे परेशानियां और बढ़ जाती हैं.
- डिप्रेशन में लोग शरीर को आराम नहीं दे पाते.
- ऐसे लोग हमेशा तनाव में रहते हैं.
डिप्रेशन के लक्षणों के चलते हार्ट अटैक होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि इस दौरान हाई कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है. यहां तक कि कई बार हार्ट अटैक आने के बाद मरीज की मृत्यु की आशंका भी बढ़ जाती है क्योंकि व्यक्ति की जीने की इच्छाएं खत्म होने लगती हैं.
डिप्रेशन होने पर क्या करें-
- डिप्रेशन के मरीजों को समय-समय पर अपनी जांच कराती रहनी चाहिए. डिप्रेशन का इलाज करवाना चाहिए.
- दवाएं समय पर लें.
- अकेले ना रहें. परिवार के सदस्यों या फ्रेंड्स के साथ रहें.
- हमेशा डॉक्टेर के संपर्क में रहें.
- अपनी पसंदीदा एक्टिविटीज करें.
- अंधेरे में अधिक देर ना बैठे.
- यदि आप चीजों को भूल जाते हैं तो नोटबुक हमेशा अपने पास रखें और काम की चीजों को नोट करें.
- किताबें पढ़ने में मन लगाएं.
- योगा प्रेक्टिस करें.
ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर/एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.