Depression: हम सभी ने अपनी जिंदगी में किसी न किसी वजह से चिंता, तनाव और हताशा को महसूस किया होगा. कई बार ऐसी स्थिति भी आई होगी, जिसकी वजह से दिमाग ने सोचना तक बंद कर दिया होगा. हम लाख कोशिशें करते हैं चिंताओं को खुद से दूर करने की, लेकिन फिर भी कई बार कुछ विचार हमारे मस्तिष्क को इस कदर जकड़ लेते हैं, जिनसे पीछा छुड़ाने का कोई मार्ग नजर नहीं आ रहा होता. यह परेशानी बढ़ते-बढ़ते इतनी बढ़ जाती है कि 'डिप्रेशन' का रुप धारण कर लेती है. डिप्रेशन एक ऐसा मानसिक रोग है, जिसमें लोग पॉजिटिव सोचना बंद कर देते हैं और सिर्फ नेगेटिव बातों पर ही गौर करते हैं. कई बार यह समस्या इतनी बढ़ जाती है कि कुछ लोग सुसाइड जैसा खतरनाक कदम उठाने को भी मजबूर हो जाते हैं. 


डिप्रेशन न सिर्फ मानसिक बल्कि शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है. हमारे आसपास ऐसे कई लोग होंगे जो इस समस्या से जूझ रहे होंगे. ऐसे लोगों को मदद की बहुत जरूरत होती है. अगर आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं, जो डिप्रेशन से जूझ रहा है तो सोचे नहीं, जाकर उनकी मदद करें. उनको अपना समर्थन दें. जिंदगी पर उनके विश्वास को जगाएं. किसी एक्सपर्ट से मदद लेने के लिए उन्हें तैयार करें. क्योंकि आपकी एक छोटी कोशिश से किसी को बहुत मदद मिल सकती है. यहां हम WHO (वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा सुझाए गए कुछ खास तरीकों का जिक्र कर रहे हैं, जिन्हें आप ध्यान में रखकर ऐसे लोगों को मदद की पेशकश कर सकते हैं.


उनसे बात करें और अपना सपोर्ट दें: डिप्रेशन के शिकार लोगों को कभी हल्के में न लें. उनसे उनकी भावनाओं और अनुभवों को लेकर खुलकर बात करें. उन्हें अपने विचारों और भावनाओं के बारे में बात करने के लिए मोटिवेट करें. और उनकी बात सुनें. आप उनसे बातचीत में प्रोत्साहन और समर्थन के शब्दों का इस्तेमाल करें. उन्हें यह महसूस कराएं कि वो अकेले नहीं हैं.


उनको एक्सपर्ट की मदद लेने के लिए मोटिवेट करें: जैसे डिप्रेसिव लोगों के लिए दोस्तों और परिवार का समर्थन जरूरी है, ठीक उसी तरह उन्हें मेंटल हेल्थ प्रोफेशनल या एक्सपर्ट की भी जरूरत है. डिप्रेशन से पीड़ित लोगों को एक्सपर्ट से मदद लेने के लिए प्रोत्साहित करें.


रोजमर्रा के कामों में उनकी मदद करें: डिप्रेशन में अक्सर लोग इतने कमजोर और ऊर्जाहीन हो जाते हैं कि उनसे कई बुनियादी काम भी नहीं हो पाते, जिनका वे आमतौर पर आनंद उठाया करते थे. आप उन्हें उन गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित कर सकते हैं जो उन्हें खुशी देती हैं. 


क्या है 'विंटर डिप्रेशन'?


सर्दियों का मौसम चल रहा है. ऐसे में कई लोगों में 'सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डरट या 'विंटर डिप्रेशन' भी देखा जाता है. यह डिप्रेशन साल में एक बार ही देखा जाता है. दरअसल सर्दियों के मौसम में धूप की रोशनी का कम होना 'विंटर डिप्रेशन' का कारण बन सकता है. ज्यादातर लोग इस मौसम में घर में ही बंद रहते हैं. मेलाटोनिन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे नींद अधिक आती है. ये कई वजहें सर्दियों में डिप्रेशन का कारण बनती हैं. 


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