Designer Baby: IVF से वाकई में बनाए जा सकते हैं डिजाइनर बच्चे? जानें क्या है ये नया ट्रेंड
Designer Babies: डिज़ाइनर शिशुओं को या तो प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (PGD) द्वारा चुने गए भ्रूण से बनाया जाता है.
खराब खानपान और लाइफस्टाइल के कारण आजकल महिला हो या पुरुष उन्हें कई सारी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं होती है. जिसके कारण वह माता-पिता बनने के सुख से वंचित रह जाते हैं. अब IVF यानी 'इन विट्रो फर्टिलाइजेशन' से मुमकिन है कि आप किसी भी उम्र माता-पिता बन सकते हैं. लेकिन IVF के साथ कई सारे सवाल जुड़े हुए हैं. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक IVF के दौरान अक्सर लोग डिजाइनर बेबी की डिमांड करते हैं.
डिज़ाइनर शिशुओं की आवश्यकता क्यों है?
आज अधिकांश डिज़ाइनर शिशुओं को प्रीइम्प्लांटेशन जेनेटिक डायग्नोसिस (PGD) द्वारा रोग-मुक्त भ्रूणों के चयन के माध्यम से आनुवंशिक दोषों को विरासत में मिलने से रोकने के उद्देश्य से बनाया जाता है. उदाहरण के लिए, सिस्टिक फाइब्रोसिस और β-थैलेसीमिया जैसी कुछ बीमारियों को रोका जा सकता है. हालांकि, जब सभी भ्रूण एक वाहक जोड़े से रोग जीन ले जाएंगे. तो आनुवंशिक संशोधन आवश्यक होगा. हाल ही में विकसित जीन संपादन उपकरण वैज्ञानिकों को सक्रिय रूप से डिज़ाइनर शिशुओं को बनाने की अनुमति देते हैं.
IVF प्रोसेस के दौरान आजकल डिजाइनर बेबी की चाहत बढ़ रही है. माता-पिता चाहते हैं कि बच्चा एक पार्टिकुलर जीन के होते हैं. ब्यूटीफुल बच्चे की डिमांड. लोगों कि डिमांड होती है कि बच्चा का पाल कर्ली हेयर्स होना चाहिए. आंखें नीली होनी चाहिए. चेहरा शाहरुख खान, सचिन तेंदुलकर या फिर कैटरीना कैफ, दीपिका पादुकोण जैसा बच्चा चाहिए. जबकि यह सब संभव नहीं है. उनकी तरह बच्चे के लिए उनका स्पर्म या अंडा चाहिए जोकि संभव नहीं है.
क्या होता है डिजाइनर बेबी?
आजकल इन विट्रो फर्टिलाइजेशन और एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) जैसे शब्द खूब पॉपुलर ट्रेंड बन रहे हैं. आज हम विस्तार से बात करेंगे कि एग फ्रीजिंग और IVF के दौरान डिजाइनर बेबी के बारे में डिटेल से बताएंगे. आईवीएफ साइकिल में ट्विंस हो सकते हैं. IVF में जुड़वा बच्चे होने के चांसेस बढ़ जाते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 20 से 30 प्रतिशत तक बढ़ी है. अगर इसकी नेचुरल प्रेग्नेंसी से तुलना करें तो इसमें 6 प्रतिशत तक बढ़ जाती है. अगर आपके जुड़वा बच्चों की हिस्ट्री रही है तो प्रेग्नेंसी में भी ट्रिंस हो सकते हैं. यह आईवीएफ से मुमकिन है.
साइडइफेक्ट्स ऑफ डिजाइनर बेबी
सबसे महत्वपूर्ण नकारात्मक पहलुओं में से एक मानव जर्मलाइन में बदलाव के नैतिक निहितार्थों के इर्द-गिर्द घूमता है. भ्रूण में जीन को संपादित करने से आनुवंशिक परिवर्तन हो सकते हैं. जिससे डिज़ाइनर शिशुओं और अनपेक्षित परिणामों की संभावना के बारे में चिंताएं बढ़ सकती हैं.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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