नई दिल्लीः टाइप टू डायबिटीज से पीड़ित लड़कियों को अनियमित माहवारी होने का जोखिम ज्यादा होता है. एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है.


इररेगुलर पीरियड्स होने के कारण-
इररेगुलर पीरियड्स होने का कारण गर्भावस्था, हार्मोन असंतुलन, इंफेक्शरन होने और कुछ दवाईयों का सेवन आदि हो सकते हैं.


क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, मोटापे की समस्या से पीड़ित महिलाओं में पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ( पीसीओएस ) जैसे माहवारी संबंधी विकार के खतरे होते हैं जिससे डायबिटीज या अन्य मेटाबॉलिज्म संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. हालांकि लड़कियों में युवावस्था में डायबिटीज टाइप टू होने के कारण उनकी फर्टिलिटी क्षमता पर पड़ने वाले असर के बारे में बहुत कम जानकारी मिलती है.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो की मेगान केल्से का कहना है कि टाइप टू डायबिटीज से पीड़ित लड़कियों में माहवारी संबंधी समस्याओं का पता लगाना आवश्यक है.


इररेगुलर पीरियड्स होने के नुकसान-
अनियमित पीरियड के कारण असहनीय दर्द हो सकता है. लिवर में फैट जमने की बीमारी का खतरा, फर्टिलिटी संबंधी समस्याएं और आगे चलकर एंडोमेट्रियल कैंसर होने का खतरा भी बढ़ जाता है.


कैसे की गई रिसर्च-
वैज्ञानिकों ने इन नतीजों पर पहुंचने के लिए ट्रीटमेंट ऑप्शन्स फॉर टाइप टू डायबीटिज इन यूथ ( टूडे ) अध्ययन के डेटा का अतिरिक्त विश्लेषण किया.


रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुन क्रू ष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.