डायबिटीज खामोशी से वैश्विक महामारी के रूप में उभर रही है. खानपान से जुड़ी खराब आदतें, सुस्त लाइफस्टाइल और जेनेटिक मुद्दे डायबिटीज बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. भारत में करोड़ों लोग बीमारी के साथ रह रहे हैं. पहचान के बाद आपको लाइफस्टाइन में कई बदलाव करने पड़ते हैं और ब्लड शुगर लेवल को काबू करने के लिए दवा शामिल करने की जरूरत होती है. लेकिन जहां तक बात इंसुलिन इंजेक्शन की है, तो बहुत सारे डायबिटीज रोगी डॉक्टर से इंजेक्शन के विकल्प का सुझाव मांगते हैं. उनको इंसुलिन के बारे में सुनी हुई या पढ़ी हुई बातों से डर होता, जो ज्यादातर झूठ पर आधारित होते हैंं.


इंसुलिन इंजेक्शन के बारे में आम मिथक


मिथक- इंसुलिन के इंजेक्शन नशे की लत हैं


सच्चाई- शरीर स्वाभाविक रूप से इंसुलिन पैदा करता है. डायबिटीज से पीड़ित लोग जो काफी इंसुलिन पैदा नहीं कर सकते, उनको इंसुलिन के इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है. इसलिए ये समझना कि इंसुलिन के इंजेक्शन नशे की लत हैं, बेबुनियाद दावा है. 


मिथक- इंसुलिन अंतिम जवाब है
सच्चाई- डायबटिजी से पीड़ित लोग आम तौर पर मानते हैं कि इंसुलिन एडवांस, गंभीर डायबिटीज के लिए है. लेकिन डायबिटीज से जुड़ी दिक्कतों को देरी में फायदों का विश्लेषण करने के बाद डॉक्टर अब शुगर के मरीजों को बहुत पहले, यहां तक कि बीमारी के शुरू से ही इंसुलिन निर्धारित करते हैं. 


मिथक- इंसुलिन वजन बढ़ने का कारण बनता है
सच्चाई- इंसुलिन इस्तेमाल करनेवाले बहुत सारे लोग शिकायत करते हैं कि उनका थोड़ा वजन बढ़ गया है. आपको मालूम होना चाहिए इंसुलिन का काम शरीर के लिए फूड को ज्यादा प्रभावी तरीके से इस्तेमाल करने में मदद करना है. इसलिए डायबिटीज से पीड़ित लोगों को उसके मुताबिक भोजन खाना चाहिए ताकि बहुत ज्यादा वजन से बचा जा सके.


मिथक- इंसुलिन के इंजेक्शन से तकलीफ होती है
सच्चाई- बहुत सारे डायबिटीज पीड़ित इंसुलिन की सुई लगवाने से डरते हैं. हालांकि, इन दिनों डायबिटीज के इस्तेमाल में होनेवाली इंसुलिन की सुई दर्द रहित है. इंजेक्शन लगवाने के डर पर काबू पाने का सबसे अच्छा तरीका मरीजों को खुद से इंजेक्शन लगाने के लिए प्रोत्साहित करना है. 


Anti-Cancer Diet: कैंसर को रोकने में ये सुपर फूड्स कर सकते हैं मदद, जानिए कैसे


Sleep Apnea: स्लीप एपनिया का इलाज करना चाहते हैं पूरा? जानिए प्रभावी तरीके