Diabetes Management: मानसून के दौरान भारत में सांस संबंधी बीमारियां और इन्फलुएंजा के मामलों में बढ़ोतरी देखी जाती है. इस बीच, कोविड-19 के बदलते रूप ने डायबिटीज रोगियों को संक्रमित होने का खतरा बढ़ा दिया है. ऐसा इसलिए क्योंकि हाई ब्लड शुगर लेवल उनके इम्यून सिस्टम को कमजोर कर सकता है और आम लोगों के मुकाबले सांस की बीमारी होने की ज्यादा संभावना हो जाती है.
इन्फलुएंजा या फ्लू किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है. लेकिन कुछ खास ग्रुप को बीमारी का अधिक जोखिम होता है, जिसमें 6 महीने के शिशु से लेकर 5 वर्षीय बच्चा, प्रेगनेंट महिला, 65 साल के बुजुर्ग, हेल्थ केयर वर्कर्स, क्रोनिक रोग से पीड़ित जैसे डायबिटीज, अस्थमा, कैंसर के रोगी शामिल हैं.
इन्फलुएंजा की रोकथाम के लिए डाइट- पहले से मौजूद स्वास्थ्य स्थितियों के साथ-साथ प्री डायबिटीज मरीजों को भी अपनी डाइट में एनर्जी ड्रिंक्स का इस्तेमाल करना चाहिए. उनको इलेक्ट्रोलाइट की कमी और एसिड विकार का ज्यादा जोखिम होता है. खुद डायबिटीज की बीमारी के कारण भी खतर बढ़ जाता है. मानसून में डायबिटीज रोगियों को खाने और पीने के बारे में सावधान रहना चाहिए. सिर्फ घर का बना खाना खाने को सुनिश्चित करना होगा. इस तरह, सफाई, क्वालिटी और खाने के पोषण मूल्य को सुनिश्चित किया जा सकता है.
इम्यूनिटी बढ़ानेवाला फूड्स खाए जाएं- कच्चा भोजन खाने से परहेज करें और खाने से पहले उसे भाप देना सुनिश्चित करें. सभी फलों और सब्जियों को अच्छी तरह धो लें. बहुत ज्यादा तला हुआ या सड़क किनारे मिलनेवाले फूड्स से दूरी बनाएं क्योंकि ये टायफाइड, हैजा, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों को निमंत्रण दे सकते हैं और डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक हो सकते हैं.
साबुत अनाज जैसे गेहूं, ओटमिल, बेसन, ब्राउन राइस को अपनी डाइट में शामिल करें क्योंकि ये डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से निपटने में प्रभावी हैं, खास कर बुजुर्गों के लिए. आप अजवाइन, पुदीना, अदरक, इलायची और सौंफ के साथ पानी को भी उबाल सकते हैं और दिन भर इस पानी को पी सकते हैं. इससे पाचन ठीक होता है और पेट के संक्रमण से लड़ने में मदद भी मिलती है.
हालांकि, इन्फलुएंजा के कई मामलों में सांस की बीमारी के उपाय अपनाने से फायदा मिलता है, लेकिन कोविड-19 में करीब 15 फीसद मामले गंभीर हो जाते हैं. इसलिए, कोविड-19 की वैक्सीन महत्वपूर्ण होने के साथ-साथ आपको इन्फलुएंजा की वैक्सीन भी लगवानी चाहिए. दूसरे सुरक्षात्मक उपायों जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क को भी अपनाया जा सकता है. उसी तरह, डायबिटीज रोगी डॉक्टर के संपर्क में रहकर, उचित डाइट और ब्लड शुगर लेवल पर नजर रखकर, हाइड्रेट रहकर और सबसे महत्वपूर्ण दवाइयों का पालन कर खुद की रक्षा कर सकते हैं.
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