Diabetes Type 2: बदलती लाइफस्टाइल और खाने-पीने में लापरवाही की वजह से आजकल हार्ट, ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी तेजी से बढ़ रही हैं. इसमें सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ने वाली बीमारी बन चुकी है डायबिटीज. शरीर में शुगर लेवल बढ़ने से लोग डायबिटीज के शिकार हो जाते हैं. देश में करीब 77 मिलियन से ज्यादा लोग मधुमेह की बीमारी से जूझ रहे हैं. डायबिटीज के तीन प्रकार हैं जिसमें टाइप 1, टाइप 2 और जेस्टेशनल डायबिटीज शामिल है. लोगों में सबसे ज्यादा डायबिटीज टाइप 2 का खतरा बढ़ रहा है. डॉक्टर्स की मानें तो करीब 95 प्रतिशत लोग टाइप 2 के मरीज हैं. जानते हैं टाइप 2 डायबिटीज क्या है और कितना होना चाहिए ब्लड शुगर लेवल? 


क्या है टाइप 2 डायबिटीज?
शरीर में अग्नाशय यानी पैन्क्रियाज इंसुलिन का उत्पादन करता है. इस हार्मोन से ब्लड में मौजूद शुगर लेवल को बॉडी सेल्स इस्तेमाल करते हैं. इंसुलिन से शरीर में शुगर लेवल कंट्रोल रहता है. लेकिन टाइप 2 डायबिटीज होने पर शरीर इंसलिन के प्रति रिस्पॉन्ड नहीं करता है. जिससे ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है. इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां होने लगती हैं. टाइप 2 डाइबिटीज होने के पीछे खराब लाइफ स्टाइल, स्ट्रेस, नींद की कमी, मोटापा और ब्लड-प्रेशर मुख्य वजह हैं. 


डायबिटीज टाइप 2 के लक्षण 
1- वजन कम होना
2- घाव देरी से भरना
3- थकान और कमजोरी
4- भूख-प्यास ज्यादा लगना
5- बार-बार टॉयलेट जाना
6- त्वचा पर खुजली होना
7- मूड स्विंग होना


डायबिटीज टाइप 2 में कितना होना चाहिए शुगर लेवल?
ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट से टाइप 2 डायबिटीज की पहचान हो जाती है. इसमें 5.7 प्रतिशत से कम आना सामान्य, 5.7 से 6.4 प्रतिशत आने पर प्री-डायबिटीज और 6.5 परसेंट या इससे ज्यादा होने पर टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है. आप चाहें तो रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट के जरिये भी डायबिटीज टाइप 2 का पता लगा सकते हैं. रिपोर्ट में 200 mg/dL उच्च रक्त शर्करा का लेवल और फास्टिंग में 126 mg/dL रक्त शर्करा का लेवल आता है तो आपको टाइप 2 डायबिटीज हो सकती है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.


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