मधुमेह के मरीज अपने पैरों पर घाव या चोट को न करें नजरअंदाज, हो सकते हैं कई खतरे
डायबिटिक फुट अल्सर में रोगी के पैरों पर घाव या छाले हो जाते हैं. अगर आप इन पर ध्यान नहीं देते हैं तो ये घाव बढ़ते जाते हैं कि इंसान इससे एक गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकता है.
डायबिटिक फुट अल्सर में आपको अपने पैर के तलवों में दर्द महसूस होता है. यह देखने में एक छाले जैसा छोटा सा लाल रंग के निशान जैसा दिखता है. अगर आप इस समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं तो यह एक गंभीर संक्रमण का रूप ले लेता है, जिसके कारण कई बार आपको अपना पैर गंवाना पड़ सकता है.
डायबिटीज के लगभग 10% से ज्यादा मरीजों को अपनी लाइफ में इस समस्या का सामना अवश्य करना पड़ता है, तो आइए आज हम आपको डायबिटिक फुट अल्सर के बारे में विस्तार से बताते हैं.
डायबिटिक फुट अल्सर क्या है मधुमेह का असर आपके शरीर के कई अंगों पर पड़ता है. अक्सर देखा जाता है कि डायबिटीज के रोगी के पैरों पर घाव या छाले हो जाते हैं. अगर आप इन पर ध्यान नहीं देते हैं तो ये घाव बढ़ते जाते हैं कि इंसान इससे एक गंभीर संक्रमण का शिकार हो सकता है. इसे डायबिटिक फुट अल्सर कहता जाता है. ऐसे घावों की शुरुआत बहुत सामान्य तरीके से होती है, इसलिए शुरुआत में लोग इसे नजरअंदाज ही कर देते हैं. मधुमेह के 10% से अधिक मरीजों को अपनी लाइफ में इस समस्या का सामना जरूर करना पड़ता है. अगर आप शुरुआत से ही सावधानी बरतते हैं तो आपके पैरों को खराब होने से बचाया जा सकता है.
डायबिटिक फुट अल्सर कितना खतरनाक है आपके पैरों के टिशूज आपके शरीर के अन्य अंगों की अपेक्षा अधिक मुलायम होते हैं. इसलिए अगर किसी इंसान के पैरों पर इंफेक्शन होता है, तो यह उनकी मांसपेशियों और हड्डियों में आसानी से फैल सकता है. मधुमेह रोगियों में साफ ऑक्सीजनयुक्त खून की समस्या पहले से ही होती है. ऐसे में पैरों में होने वाला ये इंफेक्शन उनके लिए बेहद घातक साबित हो सकता है. कई बार यह इंफेक्शन इतना फैल सकता है कि इंसान के पैर को काटना पड़ता है, जिससे यह इंफेक्शन शरीर के दूसरे अंगों तक न पहुंच सके.
डायबिटिक फुट अल्सर के खतरे से डायबिटीज के मरीज कैसे बचें? अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा, जिससे आप डायबिटिक फुट अल्सर के खतरे से बच सकते हैं.
-आप अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल रखकर इस संक्रमण के खतरे को कम कर सकते हैं. अगर आपके खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य रहता है, तो आपको चोट या घाव आदि आसानी और जल्दी से होगा. इसके अलावा जब आपका ब्लड शुगर सामान्य रहता है तो घाव तेजी से भरना शुरू हो जाता है, जबकि हाई ब्लड शुगर होने पर घाव बढ़ना शुरू हो जाता है.
-आप अपने पैरों पर रोज ध्यान रखें. अगर आपको अपने पैरों पर कोई छाला, लाल निशान या घाव दिखता है, तो बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें. आमतौर पर ऐसे फुट अल्सर को सही करने के लिए डॉक्टर इंफेक्शन वाले हिस्से को त्वचा में से काटकर अलग कर देते हैं, जिससे घाव तेजी से भरने लगता है.
-इसके अलावा डॉक्टर आपके घाव पर ड्रेसिंग कर देते हैं, जो आपको रोजाना बदलना चाहिए. एक ही पट्टी को बहुत दिनों तक घाव पर लगाए रखने से भी इंफेक्शन बढ़ता है.
-डायबिटिक फुट अल्सर में डॉक्टर आपको कुछ दिन के लिए आराम करने की सलाह भी दे सकते हैं.
-अगर आपके पैरों का घाव 4 हफ्तों में ठीक नहीं होतो है या इंफेक्शन आपकी हड्डियों तक पहुंच गया है, तो डॉक्टर आपको ऑपरेशन की सलाह भी दे सकते हैं.
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