दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के शरीर में कीटोंस लेवल हाई मिली है. जिसकी वजह से डॉक्टर्स ने उन्हें कुछ खास टेस्ट करने के लिए कहा है. अरविंद डायबिटीज के मरीज है और अब उनके शरीर में कीटोंस के लेवल हाई होना एक चिंता की बात है.


शरीर में कीटोन का लेवल तब हाई हो जाता है जब इंसुलिन धीरे-धीरे कम होने लगता है. जिसके कारण टाइप-1 डायबिटीज के मरीज में कीटोन्‍यूरिया की समस्या बढ़ जाती है. यह एक सीरियल मेडिकल कंडीशन हो सकती है. जानें इसके कारण और लक्षण.


शरीर में एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट की जगह फैट और प्रोटीन


शरीर में एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट की जगह फैट और प्रोटीन इस्तेमाल करते हैं. तो ऐसी स्थिति शरीर में एक केमिकल बनती है जिसे किटोन कहते हैं. ये कीटोन टॉयलेट के जरिए शरीर के बाहर निकल जाती है. लेकिन यूरिन में यह कई बार भारी मात्रा में निकल जाती है. इस गंभीर स्थिति को कीटोन्यूरिया पैदा होती है. डायबिटीज कीटोएसिडोसिस हो सकता है. 


क्या है कीटोन्‍यूरिया?


जब टॉयलेट में कीटोन की मात्रा ज्यादा बनने लगती है तो इस पूरी स्थिति को कीटोन्यूरिया कहा जाता है. कीटोंस लिवर प्रोड्यूस करता है. यह तीन तरह के होते हैं एसीटोएसिटेट, β-हाइड्रॉक्सीब्यूटाइरेट, और एसीटोन. यूरिन में किटोंस की मात्रा बढ़ने लगती है जब शरीर में एनर्जी के लिए शरीर के बेकअप यानि फैट और प्रोटीन सेल्स तोड़ने लगता है. डायबिटीज मरीज को यह समस्या खत्म करने की जरूरत है. जिसके कारण शरीर में फैट और प्रोटीन की कमी होने लगती है. इसमें इंसुलिन कम हो जाता है. 


कब होता है कीटोंस का लेवल हाई


ज्यादा लंबे समय तक भूखे रहने का कारण, कम खाना खाने से, शरीर में फैट, कार्बोहाइड्रेट, स्टार्च और ग्लूकोज की मात्रा कम होने लगती है. कई बार ज्यादा भूखे रहने के कारण भी यूरिन में कीटोन की मात्रा बढ़ने लगती है. टाइप-1 डायबिटीज में शरीर में बहुत ही कम मात्रा में इंसुलिन बनता है जिससे शरीर में खुद प्रोटीन्स को तोड़कर कीटोन्स बनने लगता है. 


कीटोन्स बढ़ने का खतरा कब होता है?


अगर आप हाई बीपी के मरीज है और इंसुलिन लेते हैं तो शरीर में कीटोन्स का टेस्ट कर लेना चाहिए. 


जब यूरीन में नॉर्मल से ज्यादा कीटोन्स होते हैं तो इंसान को टेस्ट कर लेना चाहिए. 


जब यूरीन में नॉर्मल से ज्यादा कीटोन्स पाए जाते हैं तो इंसान को खास ट्रीटमेंट की जरूरत है. 


कीटोन्‍यूरिया के लक्षण


प्यास लगना


मतली


डिहाईड्रेशन


बार-बार पेशाब लगना


सांस लेने में पेरशानी


आंखों की पुतलियों को फैलना


मेंटल कंफ्यूजन


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 


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