Lyme Disease: मौत की वजह बन सकते हैं लाल चकत्ते और खुजली, जानें क्या बीमारी है लाइम डिजीज?
Lyme Disease: जलवायु परिवर्तन के कारण लाइम बीमारी का ग्लोबल लेवल पर प्रकोप बढ़ा है. यह आज के समय में एक चुनौती बनते जा रही है. आइए जानें इसके लक्षण

कोरोना संक्रमण के बाद कई सारे संक्रमणों का जोखिम दिन पर दिन बढ़ रहा है. हर साल की तरह इस साल भी लाइम डिजीज का प्रकोप बढ़ने लगा है. दरअसल, लाइम डिजीज हरी घास और जंगल पेड़-पौधे में पाए जाने वाले टिक्स के काटने के कारण होती है. इसकी शुरुआत आपको भले ही मच्छर काटने जैसा लगे लेकिन यह एक समय के बाद गंभीर रूप ले लेती है. यह मामूली सी दिखने वाली डिजीज कब गंभीर आर्थराइटिस का रूप ले लेती है. यह पता करना बेहद मुश्किल है.
Lyme Disease के लक्षण
जलवायु परिवर्तन के कारण लाइम बीमारी का ग्लोबल लेवल पर प्रकोप बढ़ा है. यह आज के समय में एक चुनौती बनते जा रही है. लाइम रोग बोरेलिया बर्गडॉरफ़ेरी के कारण होने वाला एक जीवाणु संक्रमण है, जो संक्रमित टिक के काटने से मनुष्यों में फैलता है. ये मकड़ी जैसे दिखने वाले अरचिन्ड टीक के कारण होती है. जिसके काटते ही शरीर पर लाल चकत्ते हो जाते हैं उसमें लिक्विड भर जाता है और सूजन आ जाती है. यह ब्लड सर्कुलेशन तक को प्रभावित कर सकता है. 1975 में लाइम कनेक्टिकट में पहली बार पहचाने जाने वाला लाइम रोग अब दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है, जिससे स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं बढ़ रही हैं.
लाइम बीमारी सबसे ज्यादा किन अंगों को प्रभावित करती है
यूनिवर्सिटी कॉलेज डबलिन में चिकित्सा के एक प्रमुख विशेषज्ञ प्रोफेसर जैक लैम्बर्ट के अनुसार लाइम बीमारी एक बहुआयामी स्थिति है जो सेंट्रल नर्वस सिस्टम और मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम और मूत्राशय और आंत जैसे अंगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है. कोलंबिया विश्वविद्यालय में लाइम और टिक-बोर्न डिजीज रिसर्च सेंटर के निदेशक ब्रायन फॉलन ने पाया कि शुरुआती गलत निदान अक्सर होते थे, जिससे मरीजों के लक्षणों की वैधता के बारे में संदेह बना रहता था.
लाइम डिजीज एसोसिएशन के मुताबिक दुनिया के 80 प्रतिशत देशों तक यह बीमारी पहुंच चुका है. हालांकि यह इंफेक्शन किसी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है. लेकिन इसमें सावधानी बरतने की खास जरूरत है.
लाइम रोग के शुरुआती लक्षण
इसमें इंसान से शरीर में लाल रैशेज, चकत्ते, खुजली हो सकते हैं. इन सब के अलावा आर्थरायटिस, कॉग्निटिव समस्याएं, क्रोनिक थकान भी हो सकती है. यहां तक कि नींद की समस्या भी हो सकती है. यह लॉन्ग टर्म लक्षण दिखाई दे सकते हैं.
फर्स्ट स्टेज
इस बीमारी के फर्स्ट स्टेज में थकान, बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में अकड़न और लिम्फ नोड्स जैसी सूजन भी हो सकती है. अगर इसका वक्त रहते इलाज नहीं किया तो यह बीमारी हो सकती है. गर्दन में दर्द, शरीर के विभिन्न हिस्सों में चकत्ते हो सकते हैं. टिशुज और जॉइंट्स में गड़बड़ी हो सकती है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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