Baby Diaper: आजकल बाजार में बच्चों के लिए तरह-तरह के डायपर्स मिलते हैं. जिसकी वजह से मम्मियों के लिए कई तरह की मुश्किलें आसान हो गई है. पहले के जमाने में बच्चा जितनी बार सूसू-पॉटी करता था मां की हाथें पूरे दिन पानी में ही रहती थी. आज की मां बच्चे को डायपर लगाकर चैन की नींद ले पाती हैं. बच्चे को नैपी पहनाकर कहीं बाहर ले जाना काफी सुविधाजनक होता है. लेकिन सबसे मतलब कि बात यह है कि आप बच्चे को किस तरह से डायपर पहनाते हैं. क्योंकि इसके पहनाने का गलत तरीका भी आपके बच्चे को बीमार कर सकता है. 


पहले के जमाने में छोटे बच्चों को लंगोट पहनाएं जाते थे. वह तिकोनी आकार की होती थी. कुछ जगहों पर अभी भी ऐसा ही होता है. यह कॉटन कपड़े के बने होते हैं.बच्चा जब इस पर सूसू पॉटी करता था उसे साफ करके फिर से उसे यूज किया जाता था. हालांकि यह कॉटन कपड़े लंगोट इतने मुलायम होते थे कि इसमें से यूरिन और स्टूल बाहर आ जाते थे. 


आज कि मम्मियां डायपर पहनाते समय ये करते हैं गलतियां:-


आजकल यह अक्सर देखा जाता है कि बच्‍चे को कई-कई घंटे तक डायपर पहनाकर छोड़ दिया जाता है. 


डायपर भरने के बाद ही उसे हटाना


2-3 साल के बड़े बच्चे को भी डायपर पहना कर रखना


अगर बच्चे ने डायपर में पॉटी कर दिया है तो उसे तुरंत सफाई नहीं करना.


डायपर में अगर किसी बच्चे ने पॉटी या सूसू कर दी है तो उसे पानी धोकर या बच्चा छोटा है तो कॉटन से साफ करके ही डायपर पहनाना चाहिए. 


नैपी पहनाने से पहले एकदम याद से तेल या मॉइश्‍चराइजर लगाना चाहिए


रेग्युलर डायपर पहनाने से बच्चों को होने वाली बीमारी


खासतौर पर छोटी बच्चियों को हमेशा डायपर पहनाने से यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है. डायपर में ही सूसू या पॉटी कर लेने और थोड़ी देर भी ऐसा ही रहने पर एसिडिक और एल्‍केलाइन वाले बैक्‍टीरिया मिल जाते और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है. 


हमेशा डायपर के यूज से बच्चे का उस एरिया का स्किन धीरे-धीरे खराब होने लगता है. 


ज्यादा देर तक बच्चे को डायपर पहनाकर रखने से रैशेज इतनी ज्यादा बढ़ जाती है कि डॉक्टर की सलाह लेनी पड़ती है. 


डायपर पहनाने से बच्चा अनकंफरटेबल महसूस करता है और बहुत रोता है और चिड़चिड़ा हो जाता है. 


ज्यादा देर तक डायपर पहनने वाले बच्चे सूसू-पॉटी की जानकारी देना देरी से सीखते हैं.


डायपर पहनाते वक्त इन बातों का जरूर ध्यान रखें


एकदम छोटे यानि नवजात बच्चों को ही डायपर पहनाएं.क्योंकि नवजात बच्चे ही कई बार सूसू पॉटी करते हैं. 


बच्चा जब भी 2-3 बार सूसू कर ले तो डायपर चेंज कर दे. क्योंकि डायपर के भरने का वेट करेंगे तो बच्चे को इंफेक्शन हो सकता है. 


बच्चे ने अगर डायपर में पॉटी कर दिया है तो तुरंत बदलें और तुरंत पानी से धोएं. 


24 घंटे डायपर न पहनाएं, बच्‍चे को खुला भी रहने दें.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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