नई दिल्ली: देश में प्रोस्टेट कैंसर तीसरा सबसे प्रमुख कैंसर है. प्रोस्टेट कैंसर के लिए विपरीत किस्म के जीन जिम्मेदार हैं, लेकिन इसके अलावा अनहेल्दी लाइफस्टाइल भी इस कैंसर के होने का बड़ा कारण है. हाल ही में आई रिसर्च के मुताबिक, सैचुरेटिड फैटी फूड खाने से भी इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है. जानिए, क्या कहती है इस बारे में ये रिसर्च.



क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों को शुरूआत में ही पहचाना जा सकता है. प्रोस्टेट को बढ़ने में समय लगता है, इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि पुरुष इसकी जांच समय रहते करवा लें.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट-
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल और आईएमए के मानद महासचिव डॉ. आर. एन. टंडन का कहना है कि लाइफस्टाइल में बदलाव, प्रोस्टेट कैंसर को लेकर जागरूकता, सही समय पर सटीक इलाज और समय पर जांच करके प्रोस्टेट कैंसर के मामलों को कम किया जा सकता है.

प्रोस्टेट कैंसर का कारण-
आज के समय में एक ही जगह पर घंटों तक बैठे रहने और मोटापे के कारण भी पुरुषों में प्रोस्टेट कैंसर अधिक होने लगा है. इसके अलावा सैचुरेटिड फैटी फूड भी इस कैंसर का बड़ा कारण है. ऐसे पुरुष जो प्रोस्टेट कैंसर की सर्जरी के बाद भी हाई सैचुरेटिड फैटी फूड जैसे नॉनवेज का सेवन करते हैं उन्हें सामान्य लोगों के मुकाबले दोबारा प्रोस्टेट कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है.

प्रोस्टेट कैंसर का पता लगने पर क्या करें-
जब प्रोस्टेट कैंसर की पुष्टि हो जाएं तो इसके तुरंत बाद दवाएं शुरू कर देनी चाहिए और डॉक्टर की सलाहानुसार सर्जरी करवानी चाहिए. आपको बता दें, प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को 6 महीने से 1 साल के बीच दवाएं लेनी होती हैं.  वैसे आजकल लेसर तकनीक से भी प्रोस्टेट कैंसर को हटाया जा सकता है.

नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.