अगर रात का खाना पचाने में हो रही है परेशानी तो करें ये चार आसान, मिल जाएगा आराम
आप अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाकर रात में खाए गए भोजन का पाचन बेहतर बना सकते हैं आइए यहां देखते हैं....
Night Yoga Routine : रात में भारी या तला हुआ खाना खाने से पाचन में समस्या हो जाती है. जब सूरज डूब जाता है, हमारा शरीर आराम मोड में चला जाता है. इस वजह से रात को खाया गया भोजन धीरे-धीरे पचता है.पेट में भारीपन, गैस बनना या अपच की समस्या रात में खाने से अक्सर हो जाता है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं! हम अपनी दिनचर्या में कुछ बदलाव लाकर रात में खाए गए भोजन का पाचन बेहतर बना सकते हैं. सही पाचन की अहमियत को नकारा नहीं जा सकता है क्योंकि हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है. इस समस्या को दूर करने के लिए कुछ सरल एक्सरसाइज हैं, जो खाना खाने के बाद की जा सकती हैं. चलिए जानते हैं कौन-कौन सी ये एक्सरसाइज हैं और कैसे वे हमें इस समस्या से राहत दिला सकती हैं.
वॉकिंग
खाना खाने के बाद 10-15 मिनट की सहज गति से चलना चाहिए. यह खाने को अच्छे से पाचन में मदद करेगा. वॉकिंग से पेट की मांसपेशियों में गति आती है जो भोजन को आगे बढ़ाने में मदद करती है.
शरीर का रक्त संचार बढ़ता है जिससे पाचक रसों का स्राव बेहतर होता है. वॉकिंग करते समय गहरी सांस लेने से पेट में ऑक्सीजन पहुंचती है जो पाचन क्रिया के लिए जरूरी है. यही नहीं वॉकिंग गैस और कब्ज़ की समस्या को भी दूर करता है.
वज्रासन
खाना खाने के बाद वज्रासन में बैठने से पेट की मासपेशियों में लचीलापन आता है जो पाचन में मदद करता है. वज्रासन में पेट के अंदर दबाव पड़ता है जो पाचन प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है. यह आंतों को मसाज देता है जिससे भोजन आगे बढ़ता रहता है और कब्ज़ नहीं होती.
पदमासन
पदमासन में पेट पर दबाव पड़ता है जो पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है और भोजन आगे बढ़ाने में मदद करता है. पदमासन से पेट में रक्त संचार बढ़ता है जो पाचक रसों के उत्पादन को बढ़ावा देता है.
यह आंतों की पेरिस्टाल्टिक गतिविधि को बढ़ाता है जो भोजन को आगे बढ़ाने में मदद करती है.पदमासन गैस, ब्लोटिंग और कब्ज़ जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद करता है.
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन योग से पेट पर दबाव पड़ता है जो पाचन प्रक्रिया को तेज करने में मदद करता है. यह आंतों और पेट की मांसपेशियों को खींचता और मसाज देता है. इस से पेट में रक्त संचार बढ़ता है जिससे पाचक रसों का स्राव बढ़ता है. यह आंतों की गतिशीलता को बढ़ाता है जो भोजन के आगे बढ़ने में मदद करती है. और गैस, कब्ज और अपच की समस्या को कम करने में मदद करता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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