क्या आप लंबे समय से एक ही बेडशीट का इस्तेमाल कर रहे हैं? क्या आप महीने में सिर्फ एक बार बिस्तर बदलते हैं? अगर इन सवालों का जवाब 'हां' है तो आप पर कई स्वास्थ्य परेशानियों का खतरा मंडरा रहा है. जी हां आप सही सुन रहे हैं. ये भी हो सकता है कि आप जाने-अनजान में ही अपनी इस आदतों का खामियाजा भुगत रहे हों और आपको इसकी वजह तक ना मालूम हो. एक सर्वे के मुताबिक, ब्रिटेन के लगभग 1.10 करोड़ लोग महीने में सिर्फ एक बार ही अपनी बेडशीट धोते हैं. 


ब्रिटेन की रिसर्च और डेटा एनालिटिक्स फर्म YouGov के एनालिसिस में पाया गया है कि 3 लोगों में से एक व्यक्ति ने यह कहा कि वे दो हफ्तों के बाद बेडशीट बदलने पर विचार करते हैं. नई रिसर्च ने ऐसी चार हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में बताया है, जो गंदी बेडशीट का इस्तेमाल करने की वजह हो सकती हैं. रिसर्च में यह भी बताया गया है कि इन चार में से दो परेशानियां 'साइलेंट किलर' हैं यानी बिना किसी लक्षण के आपके शरीर पर हमला बोल सकती हैं. 


1. एक्जिमा


एक्जिमा एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से त्वचा पर तेज खुजली होने लगती है और स्किन रूखी भी हो जाती है. कई बार जलन भी महसूस होने लगती है. इस समस्या से पीड़ित लोगों को काफी परेशानियां उठानी पड़ती है. एक्जिमा का सबसे आम रूप एटोपिक एक्जिमा ब्रिटेन में 5 बच्चों में से एक और 10 अडल्ट में से एक को प्रभावित करता है. द सन की रिपोर्ट के मुताबिक, बिस्तर पर बिछी गंदी चादर अक्सर इन समस्याओं को और भी ज्यादा बढ़ा देती है. चादर को समय-समय पर नहीं धुलने की वजह से स्किन में जलन पैदा हो सकती है. 


2. निमोनिया


निमोनिया एक तरह का फेफड़ों का इन्फेक्शन है, जो सांस लेने में मुश्किलें पैदा करता है. अगर इसका समय पर इलाज नहीं किया जाए तो ये बीमारी ऑक्सीजन की कमी और मौत का कारण भी बन सकती है. इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, कमजोरी, थकान, पसीना आना और बार-बार कांपना शामिल हैं. हॉस्पिटल के बेड की चादरों में कई बार स्टैफिलोकोकस बैक्टीरिया पाया जाता है, जो निमोनिया का कारण बन सकता है. बैक्टीरिया से छुटकारा पाने के लिए समय-समय पर अपनी बेडशीट बदलते रहें. सेव द चिल्ड्रन के एक्सपर्ट यह बताते हैं कि निमोनिया को 'साइलेंट किलर' भी कहा जाता है. 


3. पिंपल्स


इन दिनों बड़ी संख्या में लोग पिंपल्स की समस्या से जूझ रहे हैं. ये त्वचा की एक दर्दनाक स्थिति होती है, जो कभी न कभी हर किसी को परेशान करती है. 11 से 30 साल के उम्र के लगभग 95 प्रतिशत लोग कुछ हद तक पिंपल्स से प्रभावित होते हैं. नेशनल हेल्थ सर्विस (एनएचएस) का कहना है कि पिंपल्स कई बार पीठ और छाती के क्षेत्र को भी प्रभावित करते हैं. पिंपल्स की समस्या को पैदा करने का काम गंदी चादरे भी करती हैं. अगर आप गंदी चादरों का इस्तेमाल करते हैं तो इसकी संभावना ज्यादा है कि आपको पिंपल्स हो सकते हैं. 


4. अस्थमा 


अस्थमा फेफड़ों के एयरवेज की सूजन से जुड़ी एक बीमारी है. ब्रिटेन में 80 लाख लोगों को इस बीमारी ने प्रभावित किया है. अस्थमा एक श्वसन संबंधी स्थिति है, जो फेफड़ों से हवा को अंदर और बाहर ले जाने वाली सांस नलियों में सूजन की वजह से होती है. ये बीमारी सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकती है. अगर समय पर अस्थमा का इलाज नहीं किया जाता है तो इससे अचानक मौत भी हो सकती है. एक्सपर्ट बताते हैं कि जिन बिस्तरों को रेगुलरली नहीं बदला जाता, उनमें धूल जमा हो जाती है, जो अस्थमा को ट्रिगर कर सकता है.



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