Lungs Treatment: कोरोना ने फेफड़ों को कमजोर कर दिया है. थोड़ा सा चलने पर लोगों की सांस फूल जाती है. सीढ़िया सही ढंग से नहीं चढ़ पाते, लेकिन क्या केवल अकेला कोरोना ही फेफड़ों को नुकसान पहुंचाता है. कई अन्य ऐसी गंभीर बीमारियां हैं, जिनसे फेफड़ों में पानी भर जाता है.


अगर यह परेशानी लंबे समय तक रहे तो गंभीर हो सकती है. डॉक्टरों का कहना है कि फेफड़ों की बीमारी है तो सतर्क होने की जरूरत होती है. यह जीवन भर का मर्ज बन सकता है


इन बीमारियां में भर जाता है फेफड़ों में पानी
फेफड़ों की काम करने की अपनी क्षमता होती है लेकिन इन्फेक्शन होने के कारण वहीं क्षमता प्रभावित हो जाती है. फेफड़ों की टीबी, निमोनिया, लिवर सिरोसिस, दिल की बीमारी, फेफड़ों का कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, गिल्टी कैंसर, कोरोना या अन्य तरह के इन्फेक्शन होने पर फेफड़ों में पानी भर जाता है.


20 गुना होती है पानी सोखने की क्षमता
फेफड़ों की ऊपर वाली सतह से लगातार पानी का रिसाव होता रहता है. छाती और उसके अंदर की दीवारें उस पानी को सोखती रहती हैं. छाती की अंदरुनी दीवारों इसे सोखने का काम करती हैं. फेफड़ों की अंदरुनी दीवार 20 गुना तक अधिक पानी सोख सकती हैं. फेफड़े खुद भी संतुलन बनाकर पानी को सोखते हैं. लेकिन कई बार बॉडी में इन्फेक्शन या किसी तरह की बीमारी होने पर छाती में पानी की मात्रा बढ़ जाती है. इससे फेफड़ों की काम करने की क्षमता प्रभावित हो जाती है. 


इस तरह पहचानिए
सांस तेजी से फूलती है. छाती में भारीपन रहता है. सांस लेने में बलगम का आना, सीने में दर्द होना, पसीने के साथ बुखार आना, तेजी से वजन का गिरना, कफ के साथ खून आना आम लक्षण हैं. यदि ऐसा कोई लक्षण दिख रहा है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.



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