Diwali sound pollution: दीपावली की रौनक देखते ही बनती है, इस बार 31 अक्टूबर और कई जगह 1 नवंबर को दिवाली मनाई जा रही है. दिवाली (Diwali 2024) से पहले ही लोग पटाखे फोड़ना शुरू कर देते हैं और यह सिलसिला ग्यारस तक चलता है. लेकिन यह पटाखे न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं और एयर पॉल्यूशन (Air Pollution) को बढ़ाते हैं, बल्कि अधिक शोर के कारण यह आपके कानों को भी इफेक्ट कर सकते हैं और इससे साउंड पॉल्यूशन (sound pollution) भी बढ़ता है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि यह साउंड पॉल्यूशन से क्या हानिकारक प्रभाव आपको पड़ सकते हैं और कैसे आप इससे बच सकते हैं.


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क्या होता है साउंड पॉल्यूशन
साउंड पॉल्यूशन लाउड म्यूजिक या पटाखे की आवाज से होता है यह साउंड पॉल्यूशन आपके स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है. अधिक शोर से न केवल इंसानों को बल्कि जानवरों को भी तकलीफ पहुंचती है और कुछ लोगों को तो इससे सुनने की समस्या भी हो सकती है, यहां तक कि हियरिंग लॉस हो सकता है.


इतना ही नहीं साउंड पॉल्यूशन के कारण सोने में समस्या आ सकती है और आपको थकावट हो सकती है. वहीं, एक्सपर्ट्स के मानें तो ज्यादा शोरगुल से आपके दिल की सेहत पर भी प्रभाव पड़ता है. इससे ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और हार्ट संबंधी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं. इससे रेस्पिरेटरी प्रॉब्लम जैसे- अस्थमा ब्रोंकाइटिस के मरीजों को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ सकता है.


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इस तरह करें साउंड पॉल्यूशन से बचाव
साउंड पॉल्यूशन से बचने के लिए आप उस समय घर से बाहर नहीं निकले जब बहुत ज्यादा पटाखे फोड़े जाते हैं. कानों की प्रोटेक्शन के लिए आप इयर प्लग या हेडफोन का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसी जगह से थोड़ी दूरी बनाकर रखें, जहां पर पटाखे फूट रहे हो. आप एक निश्चित दूरी पर खड़े होकर पटाखों का लुत्फ उठा सकते हैं. अगर आप अपने घर में शोर से बचना चाहते हैं, तो साउंड प्रूफ मटेरियल या फिर एकॉस्टिक पैनल का इस्तेमाल कर सकते हैं, इससे ध्वनि प्रदूषण को रोका जा सकता है. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


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