Paronychia: अगर आप भी नेलकटर की बजाय अपने मुंह से नाखून काटते हैं तो सावधान हो जाएं, क्योंकि ऐसा करके आप एक गंभीर समस्या को न्योता दे रहे हैं. नाखून को मुंह से चबाने की आदत बहुत अनहेल्दी होती है. डॉक्टरों के मुताबिक, नाखून को मुंह से काटने की वजह से पारोनिचिया का संक्रमण पैदा हो सकता है. ये एक ऐसा संक्रमण है, जो तब विकसित होता है जब बैक्टीरिया छिली हुई त्वचा और नाखून से प्रवेश करते हैं और बढ़ते चले जाते हैं. 


डॉक्टरों बताते हैं कि अगर संक्रमण ज्यादा समय तक बना रहता है और इसका इलाज नहीं किया जाता, तो पैरोनिचिया मवाद और सूजन की वजह बनता है. इसके कारण आपको थकान हो सकती है और बुखार तथा चक्कर भी आ सकता है. वैसे तो पैरोनिचिया इलाज के बाद ठीक हो जाता है. लेकिन कई लोगों में ये फिर से वापस लौट आता है. डॉक्टरों कहते हैं कि सीवियर और क्रॉनिक पैरोनिचिया का संक्रमण ज्यादातर उन लोगों को प्रभावित करता है, जिन्हें डायबिटीज है.


पारोनिचिया के लक्षण


पारोनिचिया के बढ़ते संक्रमण के साथ लक्षण हर दिन बदलते चले जाते हैं. आइए जानते हैं इसके लक्षणों के बारे में...


1. नाखून के आसपास की स्किन का लाल पड़ जाना


2. स्किन का नाजुक हो जाना 


3. मवाद से भरे फफोले बनना 


4. नाखून के शेप, कलर और बनावट में बदलाव होना


5. नाखून का टूटना


6. नाखून के आसपास दर्द होना


7. ज्यादा बुखार होना और चक्कर आना


डॉक्टरों का कहना है कि अगर पारोनिचिया का इलाज सही समय पर नहीं किया गया तो नाखून असामान्य रूप से बढ़ते दिखाई पड़ सकते हैं. इनके रंगों में भी बदलाव हो सकता है, जैसे पीले या हरे रंग के हो सकते हैं. इतना ही नहीं, नाखून शरीर से अलग होकर गिर भी सकते हैं.


नाखूनों के इन्फेक्शन को कैसे रोकें?


नाखून में इन्फेक्शन या इसकी वजह से होने वाली बीमारियों को इन तरीकों से रोका जा सकता है:-


1. अपने हाथों को वॉश करने के बाद हमेशा मॉइस्चराइज़र लगाएं


2. नाखूनों को मुंह से काटने या चबाने से बचें


3. अपने नेल कटर को किसी दूसरे व्यक्ति के साथ कभी शेयर न करें. नेल कटर का इस्तेमाल करने के बाद इसे हमेशा धोकर ही रखें.


4. अपने नाखूनों और हाथों को साफ और सूखा रखें.


5. हाथों को बेवजह गीला करने से जरूर बचें. ज्यादा देर तक पानी में हाथ मत डालें.


6. नाखूनों को छोटा रखें.


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